(छपरा से प्रखर प्रणव की रिपोर्ट) , पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी । खैरा सारण। थाना क्षेत्र के खैरा बाजार स्थित ठाकुरबारी से सैकड़ों वर्ष पुरानी अष्टधातु की तीन मूर्तियां चोरी हो गई। उक्त मूर्ति राम, जानकी एवं लक्ष्मण की बताई जाती है। मिली सूचनानुसार शुक्रवार की रात्रि करीब 8 बजे के आसपास चोरों ने मंदिर के पुजारी नारायण दास उर्फ नारायण राय को चकमा देकर मूर्तियों को उड़ा ले गए। इस बात की सूचना मिलते ही ग्रामीणों का हुजूम मंदिर परिसर में एकत्रित हो गया तथा लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। सूचना पाकर खैरा थानाध्यक्ष बीरेंद्र राम भी पहुंचे तथा मामले की जांच पड़ताल में जुट गए। सबसे पहले थानाध्यक्ष ने पुजारी से ही पूछताछ की। उसके बाद छापामारी करते हुए कुछ संदिग्धों को उठाकर के लाए एवं उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
पुजारी ने अपने आवेदन में थानाध्यक्ष को लिखा है कि शुक्रवार की संध्या पूजा करने के बाद तीन अजनबी के साथ बातचीत कर प्रसाद खा रहा था उसी दौरान उन लोगों ने मूर्ति की चोरी कर ली। पुजारी ने तीनों संदिग्धों का हुलिया भी बताया है, जिसके तहत पुलिस जांच में जुटी हुई है।
पुजारी का भिन्न-भिन्न बयान
इस बाबत पुजारी ने अपना भिन्न-भिन्न बयान दिया है। कभी उन्होंने बताया कि चोरों ने मेरा मुंह ढक दिया और मूर्ति को लेकर चले गए तो कुछ पल बाद उनका कहना है कि मुझको धक्का देकर गिरा दिया तथा मूर्ति को लेकर सब चले गए। थोड़ी देर बाद उन्होंने यह भी बताया कि बंदूक हमारे गर्दन पर रख कर के मूर्ति को लेकर के चोर चले गए। कुछ पल बाद उन्होंने यह भी बताया कि विगत 3 दिनों से तीन व्यक्ति रोज संध्या समय आ करके मंदिर परिसर में बैठते थे तथा गपशप करके हम लोग के साथ गांजा पीते थे घटना के रात्रि भी यह तीनों आए तथा गांजा पीने के बाद मुझको पकड़ के दबा दिए एवं मूर्ति को लेकर के चले गए। पुजारी का भिन्न-भिन्न बयान पुजारी को ही कटघरे में खड़ा करता है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
इस बावत थाना अध्यक्ष बीरेंद्र राम ने बताया कि मूर्ति चोरी हो गई है। मूर्ति को सही सलामत लाने के लिए लागातार छापेमारी की जा रही है। जिले के वरीय पदाधिकारी भी घटना पर नजर रखे हुए हैं। पुजारी के द्वारा संदिग्धों के हुलिया बताएं जाने पर टेक्निकल सेल का भी सहारा लिया जा रहा है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
इस बाबत ग्रामीणों का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पुरानी यह ठाकुरबारी और मंदिर है जिसमें अष्ट धातु की राम, जानकी एवं लक्ष्मण की मूर्ति थी। आज के संदर्भ में इसकी कीमत करोड़ों में हो सकती है।