पटना, संवाददाता।राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता Chittaranjan Gagan ने भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो लालू-राबडी शासन काल के बारे में वे शपथ के साथ बयान जारी करें। अन्यथा झूठी बयानबाजी कर हँसी का पात्र बनने से बचें। क्योंकि सबकुछ ऑन रेकॉर्ड्स उपलब्ध है।
राजद प्रवक्ता Chittaranjan Gagan ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बदत्तर स्थिति के लिए सबसे अधिक सुशील मोदी जी ही जिम्मेदार हैं। बिहार में एनडीए सरकार में 2005 से अबतक लगातार भाजपा के पास ही स्वास्थ्य विभाग रहा है। पर विरासत में मिली बेहतर ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था का एनडीए सरकार सही ढंग से रख-रखाव भी नहीं कर सकी। योजना आयोग द्वारा 2005 में जारी स्वास्थ्य विभाग के इंडैक्स में ग्रामीण चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार का स्थान जहाँ (12 ) बारहवाँ था वहीं नीती आयोग के रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 में बिहार 20 वें पायदान पर और 2019-20 में 21 वें यानी सबसे निचले पायदान पर चला गया है।हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद यह स्थिति है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है ?
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Chittaranjan Gagan ने कहा कि सुशील मोदी जी स्वास्थ्य विभाग के लिए बजटीय आवंटन को एनडीए सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं। पर ये नहीं बता रहे हैं कि आवंटित राशि में कितनी राशि खर्च हुयी और किस मद में कितनी राशि खर्च की गई।
Chittaranjan Gagan ने कहा कि सच्चाई यह है कि 2005-2008 और बीच के एक-दो वर्षों के अन्तराल को छोड़कर कभी भी एनडीए की सरकार स्वास्थ्य विभाग के लिए आवंटित राशि का साठ प्रतिशत से अधिक खर्च ही नहीं कर पायी। जो राशि खर्च भी हुई है उसका अधिकांश हिस्सा भ्रष्टाचार और घोटाले की भेंट चढ़ चुका हैं।
राजद नेता ने सुशील कुमार मोदी को बधाई देते हुए कहा कि राजद शासनकाल के बारे में बराबर झूठा दुष्प्रचार करने वाले मोदी जी कम से कम इतना तो स्वीकार कर रहे हैं कि लालू जी के मुख्यमंत्रीत्व काल में राज्य में बड़े पैमाने पर रेफरल अस्पतालों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों का निर्माण कराया गया था। मोदी जी का आरोप है कि राबडी जी के मुख्यमंत्रित्व काल में अस्पतालों के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया गया। तो सोलह वर्षों से सरकार चलाने वाले क्यों नहीं उसके रख-रखाव पर ध्यान दिया ? सोलह वर्षों से वह आखिर कर क्या रही है ? इन अस्पतालों के रख-रखाव पर खर्च किए गए हजारों करोड़ रुपये कहाँ गये ? अपनी हर नाकामी का ठीकरा राजद और लालू-तेजस्वी परिवार पर फोड़ने वाले सुशील मोदी जी बतायेंगे कि राज्य में आज 57 प्रतिशत डॉक्टर, 71 प्रतिशत नर्स, 72 प्रतिशत टेक्नीशियन, 50 प्रतिशत एएनएम और 80 प्रतिशत वेंटिलेटर चलाने वाले ऑपरेटर का पद खाली क्यों है ?
Chittaranjan Gagan ने कहा कि एनडीए के नेता आत्मप्रशंसा में उन कार्यों को भी एनडीए की उपलब्धि बता दे रहे हैं जो महागठवंधन सरकार ( 2015-2017) के कार्यकाल में हुआ है। जिन नये मेडिकल कॉलेजों और नर्स ट्रेनिंग स्कूलों को खोलने की बात एनडीए नेता कर रहे हैं, वह महागठवंधन सरकार का फैसला था, जब तेजप्रताप यादव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे। महागठवंधन सरकार के समय हीं इनके लिए पर्याप्त राशि भी उपलब्ध करा दी गई थी। जबकि सच्चाई यह है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद इन मेडिकल संस्थानों के निर्माण कार्य में काफी शिथिलता आ गयी है।