पटना, शंभुदेव झा। यूं तो साफ-सफाई से सभी को लगाव होता है लेकिन कभी कभी लापरवाही भारी पड़ जाती है ।खासकर किसी संक्रमण काल के दौरान चिकित्सकों द्वारा दिये गए गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहने में ही भलाई है। यह उद्गार युवा डेंटल एंट्रेंस चिकित्सक Dr. Aryan Parmar ने हमारे वरिष्ठ संवाददाता के सामने व्यक्त की।उन्होंने कहा कि इस कोरोना संक्रमण ने जीवनशैली बदलने को मजबूर कर दिया है।नित नये रूप में इस संक्रामक रोग ने हाइजीन की परिभाषा को विस्तार दे दिया है।
Dr. Aryan Parmar ने गंभीर हो कर कहा कि अधिकांश बच्चों में दांतों की सड़न एक समस्या है। यहां तक कि व्यस्क भी मसूड़ों के साथ दांतों की समस्या झेल रहे हैं।कोरोना संक्रमण के साथ फंगस की परेशानी से अभी अधिकांश लोग परेशान हैं।कोरोना मरीजों के लिए अपने मुंह के अंदरूनी भाग की खुद की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि हम सभी जानते हैं कि मुख ही ऐसा प्रवेश द्वार है जिसके प्रत्येक हिस्से पर एक पहरेदार है।
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स्वाद ग्रंथि के लिए जीभ,चबाकर खाने के लिए दांतों की श्रृंखला, जो मसूड़ों की दीवार से लगे हैं और फिर पदार्थ को पेट में जाने की इजाजत दी जाती है ।सभी को चाहिए कि मुख द्वार की अच्छी तरह सफाई करें,खास कर दांतों व मसूढों के साथ जीभ की खूब देखभाल की जरूरत है।
इस कोविड संक्रमण के दौरान एक सामान्य व्यक्ति भी विभिन्न ओरल संक्रमण से पीड़ित ना हो, उसके लिए हमें खास जागरूक रहने की जरूरत है। सावधानी से मुख के सभी हिस्सों पर कोमलता से सुबह-शाम ब्रश करें, साथ ही इस ब्रश को निश्चित समय में ही बदल दें।
Dr. Aryan Parmar ने कहा कि खट्टा, मीठा और तीखा के साथ गर्मी के दौरान लोग कोल्ड्रिंक या अति शीतल पेयजल से परहेज़ करें ताकि दांतों के साथ मसूड़ों की सेंसीटिविटी बनी रहे।ब्लैक -ह्वाइट फंगस से जागरूक व्यक्ति खुद को बचा सकते हैं।
रेशेदार फल व सब्जी का उपयोग, चबा चबा कर खाना और कोशिश ये होनी चाहिये कि खाने के कम से कम 1/2 बाद ही जल पीएं तो बेहतर होगा।कोरोना के बाद लगभग तीन माह बाद तक मुख समेत अपने शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे बदलाव की जानकारी अपने चिकित्सक को दें। समय पर वैक्सीन लें तथा लोगों को प्रेरित करने में ही समाज की भलाई है।आज के चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिदिन नये नये शोध व परिणाम सामने आ रहे हैं।जरूरत है खुद को सभी पहलुओं पर जागरूक रहने की।
एक और जरूरी बात अपने डॉक्टर से स्वस्थ्य संबंधी कोई भी जानकारी छुपाएं नहीं।खुद को जागरूक रखें साथ ही आसपास के लोगों को प्रेरित करें।