बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि समाज मे समरसता बनाए रखने में पत्रकारों की अहम भूमिका है।ख्यातिलब्ध पत्रकार स्वर्गीय र...
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समाज में समरसता बनाए रखने में पत्रकारों की अहम भूमिका : मदन सहनी

दरभंगा, संवाददाता। बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि समाज मे समरसता बनाए रखने में पत्रकारों की अहम भूमिका है।ख्यातिलब्ध पत्रकार स्वर्गीय रामगोविंद प्र. गुप्ता की 27वीं पुण्यतिथि पर सामाजिक समरसता और पत्रकारों की भूमिका विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री सहनी ने कहा कि जनता बहुत सूझ बूझ के साथ, ऊंच-नीच, जात-पात से ऊपर उठकर अपने प्रतिनिधि का चयन करें  तभी सामाजिक समरसता कायम रह सकती है। पत्रकारों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी और ऐसे खबरों को प्रमुखता देनी होगी जिससे सामाजिकता का प्रवाह अविरल रहे। 

   मदन सहनी ने कहा कि पत्रकार सामाजिक पहरेदार की भूमिका में रहते हैं और सामाजिक समरसता बरकरार रखने की अहम जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर होती हैं। स्वगीर्य रामगोविंद प्रसाद गुप्ता भी ऐसे ही पत्रकार थे। उन्होंने समाज के बेहतरी के लिए अनेक कार्य किए है। यही कारण है कि वर्षों बाद भी हम उन्हें नहीं भूले है।

   मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष सह सामाजिक एवं राजनीतिक चिंतक डॉ. जितेन्द्र नारायण ने कहा कि जैसे रस सूख जाने के बाद गन्ना सूखी लकड़ी के सदृश्य बन जाता है उसी तरह के हालात समरसता विहीन समाज की बन जाती हैं। इसी सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए कबीर, रसखान आदि ने प्रयास किया है। समरसता के अभाव में समाज ही नहीं मुल्क भी बिखर जाता है। इसके उदाहरण के तौर अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि मुल्कों को देखा जा सकता है। जिसने प्रेम और सौहार्द के बजाय आतंक की स्थापना की वो राष्ट्र बर्बादी के मुहाने पर पहुंच गया।

डॉ. नारायण ने बताया कि समाज मे फैली गांठ समरसता को भंग कर देता है। यदि गांठ को साफ कर दिया जय तो समाज मे समरसता कायम हो जायेगी। भारत के पत्रकार जान की बाजी लगाकर भी सामाजिक समरसता कायम रखते है। यदि समाज मे समरसता नही रही तो सभ्यता नहीं बचेगी।

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  इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार सह पत्रकार डॉ सतीश कुमार सिंह ने समरसता शब्द की गहनता से व्याख्या की और बताया कि सामाजिक स्तर पर समरसता से भारतीयता का बोध होता है। यही वो तत्व है जो विविधता से घिरे देश को एकसूत्र में पिरोता है। सामाजिक समरसता को बनाए रखने में समाज सुधारकों, राजनेताओं का जो रॉल होता है उससे भी बड़ी भूमिका पत्रकार निभाते हैं। एक पत्रकार का धर्म होता है कि वो समाज को यथार्थ से अवगत कराए। समाजिक समरसता में उत्पन्न दरार को पाटने का काम पत्रकार ही करते हैं।

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  संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि पत्रकारिता स्वच्छ  रहेगी तो सामाजिक समरसता कायम रहेगी, जिसका मिशाल भारतीय पत्रकारिता में मिलती है। कार्यक्रम के आरंभ में स्व. पत्रकार रामगोविंद प्रसाद गुप्ता की तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित कर लोगों ने श्रद्धांजलि दी। अतिथियों का स्वागत प्रदीप गुप्ता ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रामचंद्र चन्द्रेश ने किया।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.