- प्राचार्या ने किया ग्रीष्मावकाश विशेष व्याख्यान श्रृंखला का उद्घाटन
पटना,संवाददाता। जेडी विमेंस कॉलेज -सह- नालंदा कॉलेज की प्राचार्य प्रो Dr. Shyama Rai ने कहा है कि व्यक्ति के जीवन में किशोरावस्था वह समय है जब उसके अंदर उत्तरदायित्व की भावना स्थापित होती है और यह उत्तरदायित्व परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण – दिशासूचक होता है। इस अवस्था में किशोरों को अपनी कल्पनाशीलता और आत्मदर्शन का अनुभव भी होता है।
Dr. Shyama Rai आज वर्चुअल माध्यम से नालंदा कॉलेज बीएड विभाग द्वारा ग्रीष्मावकाश के दौरान पठन-पाठन को जारी रखते हुए विशेष व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन अवसर पर शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रही थीं। Dr. Shyama Rai ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पूरी जिम्मेदारी के साथ शिक्षण के साथ-साथ उनका सही मार्गदर्शन करने की भी आवश्यकता है। क्योंकि किशोरावस्था मनुष्य के जीवन का वह काल है, जहां अपरिपक्व व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास चरम सीमा की ओर बढ़ता है।
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मुख्य वक्ता सहायक प्राध्यापक डा राजेश कुमार ने कहा कि किशोरावस्था के दौरान व्यक्ति में तर्कशक्ति, स्मरण शक्ति, कल्पना शक्ति, भाषा शक्ति, चिंतन शक्ति आदि मानसिक योग्यताओं का विकास होता है। यही वह समय है जब बच्चे लक्ष्यहीन और गुमराह भी होते हैं और न सिर्फ अपने लिए बल्कि माता-पिता, शिक्षक और समाज के लिए समस्या भी बन सकते हैं। इसी वजह से इसे समस्या बाहुल्य की अवस्था भी माना जाता हैं।
अध्यक्षता करते हुए बीएड विभाग के अध्यक्ष डा ध्रुव कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में किशोरावस्था की ऊर्जा को ज्ञान पुंज में बदलने और उसका उपयोग समाज, देश और मानवता के कल्याण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके तहत स्कूल और कॉलेजों में काफी संख्या में काउंसलर भी उपलब्ध होंगे।
डॉ ध्रुव ने कहा कि किशोरावस्था में सही परामर्श और निर्देशन की जरूरत होती है क्योंकि तनाव और अवसाद किशोरावस्था की सबसे बड़ी समस्या है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में किशोरों की क्षमताओं, भविष्य की योजनाओं को बुद्धिमानी के साथ आगे बढ़ने में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
संचालन करते हुए डॉ रंजन कुमार ने कहा कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन और नाजुक मोड़ होता है। इस अवस्था में बालक का झुकाव जिस चीज की ओर हो जाता है, उसी दिशा में उसके विकास का स्वरूप निर्धारित होता है।
इस अवसर पर सौरभ तिवारी, निकेश कुमार और के हर्षवर्धन कुमार, सोनिका सुमन, निशा कुमारी, प्रिंस कुमार, अमृता सौरव, सुभाष कुमार, कुमारी दीक्षा सिन्हा और दीप ज्योति गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
धन्यवाद ज्ञापन कृति स्वराज ने किया। इस अवसर पर पिंकी कुमारी, उषा कुमारी, अपर्णा, प्रशांत, पुरुषोत्तम कुमार सहित विभाग के सभी शिक्षक उपस्थित थे। गौरतलब है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान मई माह में बीएड विभाग की ओर से विषयवार कुल दस विशेष व्याख्यान आयोजित किए जायेंगे। इससे छात्र-छात्राओं को परीक्षा की तैयारी में उन्हें मदद होगी।