पटना, मुकेश महान। शहर में इन्दिरा आईवीएफ पटना सेंटर आज राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगा हुआ दिख रहा था, अवसर देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ के सवा लाख सफल आईवीएफ प्रोसिज़र पूरे होने का जश्न मनाने का था । कम ही समय में उच्च सफलता दर के साथ सवा लाख सफल आईवीएफ प्रोसिजर पूरे करने की उपलब्धि इन्दिरा आईवीएफ ने हासिल की है। भारत में लैंगिक समानता थीम पर हुए कार्यक्रम में पटना सेंटर हेड डॉ. दयानिधि कुमार ने मुख्य अतिथि ग्रुप के सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया का मिथिला परम्परा के अनुसार चादर, माखन माला और पाग पहनाकर स्वागत किया।
डॉ. अनुजा सिंह, डॉ. सुनीता, डॉ. रीना, डॉ. मोक्षा, डॉ. रीतिका और डॉ. अनुजा मिश्रा ने दम्पतियों का स्वागत किया तथा इन्दिरा आईवीएफ की विकास यात्रा के बारे में जानकारी दी। यहां बेटा-बेटी एक समान थीम पर नाटक प्रस्तुत करके स्मिता कुमारी ने जागरूकता का संदेश दिया। लाभान्वित दम्पतियों का सम्मान कर उनके साथ केक काटा गया और उपहार देकर खुशियां बांटी गयी।
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इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने डॉक्टर्स और स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि भारत में घटता लिंगानुपात चिंता का विषय है, बेटा-बेटी में किसी तरह का भेद नहीं करना चाहिए, इस बात का संदेश आमजन को देने के लिए सवा लाख सफल आईवीएफ का सेलिब्रेशन इसी थीम पर किया गया। पूरे सेंटर की सजावट तिरंगे के रंग के आधार पर की गयी, स्टाफ ने तिरंगा वस्त्र धारण किये और केक भी केसरिया, सफेद और हरे रंग में बनवाया गया। यहां दम्पतियों ने अपने अनुभव साझा किये और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प लेते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रण लिया। इसे भी पढ़ें-सावरकर जयंती के साथ पत्रिका दिव्य रश्मि ने मनाई 9वीं वर्षगांठ
इस मौके पर पटना सेंटर हेड डॉ. दयानिधि कुमार ने कहा कि निःसंतानता का आसान उपचार आईवीएफ के रूप में उपलब्ध है, दम्पतियों को इंतजार नहीं करके आधुनिक उपचारों की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। इन्दिरा आईवीएफ के फर्टिलिटी फाइटर्स दम्पती की समस्या के अनुरूप उचित उपचार प्रक्रिया का निर्धारण करके प्रत्येक मरीज पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हैं। इस कारण ग्रुप ने इतनी बड़ी सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा आईवीएफ के देशभर में 116 हॉस्पिटल हैं जिनमें अत्याधुनिक उपचार तकनीकें उपलब्ध हैं।