Indira IVF का छठा स्थापना स्थापना दिवस समारोह
वर्ष ‘2011 में Indira IVF की शुरूआत के बाद, देशभर में 100 केंद्रों के साथ 85,000 से अधिक सफल आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ हासिल
पिछले 6 वर्षों में हमने ,संतान की चाह रखने वाले जिन परिवारों की मदद की है, उनकी खुशी हमें संतुष्टि प्रदान करती है – पटना सेंटर हेड डॉ.दयानिधि
पटना . निःसंतानता उपचार के क्षेत्र में अग्रणी फर्टिलिटी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ (Indira IVF) के पटना केंद्र ने अपना छठा स्थापना दिवस भव्यतापूर्वक मनाया। निःसंतानता से प्रभावित दम्पतियों के माता-पिता बनने के सपने को पूरा करने के लिए 2015 में केंद्र की शुरुआत की गयी थी और तब से हजारों दम्पती आईवीएफ उपचार से लाभान्वित हुए हैं। इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ के 100 सेंटर पूरे होने का सेलीब्रेशन भी किया गया, इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रोसड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार, और डॉ ज्ञानेंद्र कुमार आदि ने संयुक्त रूप से किया ।
इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इन्दिरा आईवीएफ (Indira IVF) पटना सेंटर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि निःसंतान दम्पतियों के लिए अपनी संतान की खुशी अद्वितीय होती है, यहां से आईवीएफ उपचार प्राप्त कर हजारों दम्पती लाभान्वित हुए हैं | यह इस बात का प्रमाण है कि यहां की टीम गर्भधारण के इच्छुक निःसंतान दम्पतियों की मदद करने के लिए तत्पर और सक्षम है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ज्यादातर लोग निःसंतानता की समस्या के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं जबकि निःसंतानता के लिए वैज्ञानिक उपचार अपनाने में झिझक नहीं होनी चाहिए और उपचार प्राप्त करके संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।“
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विधायक वीरेन्द्र कुमार ने बधाई देते हुए कहा कि निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान के माध्यम से इन्दिरा आईवीएफ ने हजारों दम्पतियों को जागरूक किया है यह प्रयास भविष्य में निःसंतानता के जुड़े भ्रम को दूर करने और उपचार की ओर कदम बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
डॉ.ज्ञानेन्द्र ने आधुनिक जीवनशैली को संतुलित करने पर जोर देते हुए कहा कि तनाव और खराब खानपान ने हमारे स्वास्थ्य को खराब कर दिया है इसी वजह से निःसंतानता की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
वर्चुअल माध्यम से जुड़े इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह संस्थापक डॉ.क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि “निःसंतानता और फर्टिलिटी उपचार से संबंधित जागरूकता की कमी है जिसकी वजह से महिलाओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। भारत में प्रजनन आयु के 22 से 33 मिलियन दम्पती निःसंतानता से प्रभावित हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि निःसंतानता पुरुषों,महिलाओं या दोनों में हो सकती है। निःसंतानता से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करना और जागरूकता फैलाना हमारा मुख्य ध्येय है, हम भारत में 2000 से ज्यादा निःशुल्क परामर्श शिविरों के माध्यम से जागरूकता फैलाने में कामयाब रहे हैं। हम बिहार में अधिक से अधिक स्थानों पर दम्पतियों को संतान सुख के लिए उच्चस्तरीय उपचार देने का प्रयास जारी रखेंगे। ”
पटना सेंटर हेड डॉ.दयानिधि ने सफल यात्रा के बारे में कहा कि “पिछले 6 वर्षों में हमने संतान की चाह रखने वाले जिन परिवारों की मदद की है उनकी खुशी हमें संतुष्टि प्रदान करती है। हम उन सभी दम्पतियों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने इस यात्रा के लिए हम पर भरोसा किया। हमने अगस्त 2015 में इन्दिरा आईवीएफ पटना का शुभारंभ किया था और यह एक बड़े उद्देश्य की दिशा में सकारात्मक शुरुआत थी।”
इस अवसर पर सेंटर की डॉ. अनुजा सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने के सपने को साकार करने में मदद कर रहा है। डॉ. सुनिता कुमारी ने कहा कि यहां अंडाणु और शुक्राणु की फ्रिजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है , जो फैमिली प्लानिंग को डिले करना चाहते हैं। कार्यक्रम में डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. सोनाली गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।