जनता दरबार
बिहार

आज फिर से लगा जनता दरबार ,मुख्यमंत्री ने निपटाए कई मामले

पटना, संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सोमवार देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 153 लोगों की समस्याओं को मुख्यमंत्री ने सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री‘‘ कार्यकम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई।
मुजफ्फरपुर से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि डीसीएलआर कार्यालय और निबंधन विभाग में बिना पैसा लिए किसी का काम नहीं होता है। जब हमने कहा कि हम जा रहे हैं मुख्यमंत्री से शिकायत करने तो वहां के अधिकारियों और कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के यहां जाओ या प्रधानमंत्री के यहां चले जाओ, कुछ नहीं होने वाला। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुये राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देष दिये।
मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को कहा कि देखिए यह क्या हो रहा है। भूमि विवाद और अफसरों की लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अधिकांश मामले स्थानीय थाना और अंचल के हैं। जनता दरबार में यह बात सामने आई कि लोक शिकायत में पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इस बात की जानकारी मिल रही है कि अंचल अधिकारी एवं अन्य अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूदान की जमीन को लेकर वर्ष 2018 में ही पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई। कमिटी ने अब तक क्या किया, कितना काम हुआ, इसकी समीक्षा करिये।
पश्चिम चंपारण जिले की बगहा-2 की रहने वाली बिमला भारती ने शिकायत करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले में नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं करने तथा अधिकारी द्वारा उसको संरक्षण देने एवं मुझे केस वापस लेने के लिए डराया धमकाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
खगड़िया के गोगरी के रहने वाले श्री राजकिशोर सिंह ने जेपी सेनानी योजना के तहत पेंशन स्वीकृत नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने उनसे विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को उस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
औरंगाबाद के नवीनगर के श्याम बिहारी तिवारी ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि मेरे पूर्वजों ने विद्यालय के निर्माण हेतु 5 एकड़ भूमि दी थी, उस पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जबकि कुछ लोगों ने उस पर मकान बना लिया है। उक्त जमीन को खाली कराकर उस पर स्कूल का निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर इस पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
जमुई जिले के बरहट प्रखंड के दिव्यांग गुदान कुमार ने दिव्यांग कोटे से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी में अपनी नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री से फरियाद की। वहीं मधेपुरा के कुमारखंड के सच्चिदानंद यादव ने पर्चा भूमि का दखल दिलाने के संबंध में अपनी फरियाद की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
सारण जिले के छपरा प्रखंड के श्री हेमंत कुमार ने बीपीएससी कंबाइंड परीक्षा पद्धति के कारण परीक्षा में चांस लैप्स को लेकर शिकायत की। वहीं समस्तीपुर के रोसड़ा के रहने वाले संजीव कुमार सिंह ने सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने में अंचलाधिकारी द्वारा आनाकानी करने की शिकायत की। पटना के दानापुर के विकास कुमार ने जबरदस्ती जमीन कब्जा करने की शिकायत की और कहा कि विरोधी पक्ष के सहयोग के कारण थाने में मेरा आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है। समस्तीपुर के बारिसनगर की नूरी खातून ने कब्रिस्तान की घेराबंदी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिये।
मुंगेर से आए एक फरियादी ने कहा कि मेरे दादा जी को दान में जमीन मिली थी। उनका इकलौता वारिस मैं हूं। बावजूद इसके मेरी भूमि मुझे नहीं मिल पा रही है। इसके लिए हमने कई अधिकारियों से गुहार लगायी मगर कोई फायदा नहीं हुआ तभी आपके पास गुहार लगाने आया हूं। इस पर मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग को आवेदन भेजते हुए कहा कि इस पर जांच कर इन्हें सहयोग किया जाए।
पूर्णिया के धमदाहा से आए एक फरियादी ने बताया कि उनकी जमीन के खतियान की मूल प्रति उन्हें नहीं दी जा रही है। खाता संबंधित खतियान की मांग किए जाने पर मोटी रकम की मांग की जा रही है। नहीं दिए जाने पर धमदाहा का खतियान नष्ट हो जाने का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले की जांच कर उचित कदम उठाया जाए।

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एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से आकर कहा कि ‘‘मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन ली थी। उसमें से थोड़ी सी जमीन भू-अर्जन में चला गया। मैंने भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की कि मेरी जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए। भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी। इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की। लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाय लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया गया। बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई के निर्देष दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत ऐसे मामले जिसमें फैसला हो गया है लेकिन उसका एक्जीक्यूशन नहीं हो रहा है, सबका पता लगाइये। इन सभी चीजों को देखना बेहद जरूरी है। सारे डिपार्टमेंट से पूरा का पूरा फिगर मांगिये, कहां गड़बड़ी है।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।