Janta Ke Darbar Me Mukhyamantri : संबधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने का दिया निर्देश
पटना. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ (Janta Ke Darbar Me Mukhyamantri )कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में शिकायत लेकर आए 143 लोगों की फरियाद मुख्यमंत्री ने लगातार सुनी और संबंधित विभागों एवं अधिकारियों को समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम” में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, षि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग तथा योजना एवं विकास विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
मुख्यमंत्री के समक्ष एक महिला ने पीडीएस डीलर लाईसेंस को लेकर आवेदन दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से इस पर जानकारी ली और महिला की शिकायत के समुचित निष्पादन का निर्देा दिया। कैमूर से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि कैमूर नगर परिषद में करोड़ों का घोटाला हुआ है। इस घोटाले की जिलाधिकारी के आदेश पर जांच भी हुई। जांच रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भेज दी गई, फिर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो निगरानी विभाग द्वारा भी जांच करायी जाएगी। संबंधित विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
गोपालगंज जिले से आए एक युवक ने बताया कि गांव तक जाने के लिए सड़क तो बनी है लेकिन अनुसूचित जाति का टोला गांव से अलग बसा है और यहां जाने के लिए सड़क अब तक नहीं बनी है। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जाहिर करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारी से पूछा कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है? उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के टोलों के लिए तो सड़क बनाने का साफ निर्देश पहले ही दे दिया गया है। मुख्यमंत्री ने संबधित विभाग को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ (Janta Ke Darbar Me Mukhyamantri ) कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चैधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, अमरेंद्र प्रताप सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पंचायती राज मंत्री सम्राट चैधरी, सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चैधरी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार आदि मौजूद थे।
जदयू में शक्ति परीक्षण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब बेकार की बात है। ऐसी कोई बात नहीं है। कोई पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो उनका स्वागत किया गया। उसी तरह कोई केन्द्र में मंत्री बना है तो पार्टी के लोग उनका स्वागत कर रहे हैं। किसी को सम्मान मिला तो लोग उनकी इज्जत कर रहे हैं, किसी को जिम्मेवारी मिली है तो उनकी इज्जत कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि कोई मतभेद है। हम पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उसके बाद आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाया गया। जब श्री आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बन गये तो वही बोले कि ललन जी अब अध्यक्ष का पद संभाले।
केन्द्र सरकार द्वारा ओबीसी संशोधन बिल पारित कराये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से ही राज्यों को यह अधिकार था कि में वो ओबीसी के संबंध में निर्णय लेंगे। हमलोगों के राज्य में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के समय में ईबीसी बना, अति पिछड़ा वर्ग बना। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग स्थिति है। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद फिर से सभी राज्यों को यह अधिकार मिल गया है। बिहार में जब वर्ष 2005 में हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो हमने कई वैसी जातियां जो पहले पिछड़े वर्ग में थी उनको हमलोगों ने अति पिछड़ा वर्ग में शामिल किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों को एक बार फिर से यह अधिकार दिया है। पहले से ही राज्यों को यह अधिकार था, बीच में इस पर रोक लग गयी थी। अब फिर से केन्द्र सरकार ने अधिकार दे दिया है, इसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं