पटना. भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार उन पर हमलावर हैं और उनके बयान के लिए अविलंब खेद प्रकट करने को कह रहे हैं. दरअसल, बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री ने ये कहा था, ” रामायण की कहानी को हम सत्य नहीं मानते हैं. अगर राम को कहा जाए कि वो महापुरुष थे, जीवित थे. तो इस चीज को मैं नहीं मानता हूं.”भगवान श्रीराम के निज अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करना,यहसनातन संस्कृति पर आघात करने जैसा है।
मूर्धन्य ज्योतिषी व शास्त्र ज्ञाता पं. गणेश कान्त झा ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के वक्तव्य पर आश्चर्य व्यक्त कर कहा है कि भगवान राम अस्तित्व विहीन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चैत्र रामनवमी मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का प्राकट्य दिवस है और सनातन परंपरा के वे प्रतीक हैं श्रीराम को जानने के लिए कयी बार जन्म लेना होगा और जिसने जिस रुप में देखा , राम को पाया. पं झा ने इसे राजनीतिक हथकंडे के रूप मे अपनाने पर माझी जी के बयानों पर घोरआपत्ति दर्ज कराई है. युवा ज्योतिष पद्मशिवा कान्त ने भी पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के बयान को हास्यास्पद करार दिया है . विदित हो कि मंगलवार को मांझी ने कहा था कि”मैं नहीं मानता कि
राम कोई महापुरुष और जीवित व्यक्ति थे .
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भाजपा विधि विधायिका विभाग तथा पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुनील सिह ने मांझी को उनके वक्तव्य के लिए माफी मांगनी चाहिए. भगवान श्रीराम करोड़ों सनातन संस्कृति और
धर्मावलंबियों के आस्था तथा श्रद्धा के ज्वलंत उदाहरण हैं. आज भी अयोध्या में देव भूमि के रूप में राम जन्मभूमि विराजमान हैं.