Shahpur Patori,समस्तीपुर, संवाददाता। सामान्य गेहूं की फसल तो सभी किसान उगते हैं, लेकिन समस्तीपुर जिला के Shahpur Patori प्रखंड के सुपौल गांव के जितेंद्र कुमार (जो रेलवे में लोको पायलट हैं)ने इस बार काली गेहूं की फसल का उत्पादन किया है, जितेंद्र कुमार पटोरी प्रखंड के पहले किसान हैं,जिन्होने काले गेंहू की खेती की हैं।इन्होंने प्रयोग के तौर पर तीन कट्टा खेतों में सिफ काले गेहूं की बुआई की थी।काली गेहूं की फसल से अच्छी उपज हुई।
90 किलो प्रति कट्ठा के दर अपने इस उपज से जितेंद्र संतुष्ट तो हैं ही, बहुत उत्साहित भी हैं। जितेंद्र रेलवे में लोको पायलट भी हैं । जितेंद्र कुमार बताते हैं कि काली गेहूं की फसल को देख कर आस-पास के अन्य किसानों में भी हर्ष हैं। वो भी अब काले गेहूं की खेती करना चाहते हैं।वो कहते हैं कि सामान्य गेहूं की अपेक्षा काला गेंहूँ ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होता है।
काले गेहूं के फायदें
काले गेहूं के आंटे से बनी चपाती का रंग भले ही देखने में काला व भूरा होने के कारण अलग लगता है, लेकिन ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसका स्वाद में भी कोई सानी नहीं है।खासतौर पर सर्दियों में ये डॉइबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। सामान्य गेहूं के मुकाबले जहां इसमें एंटी ग्लूकोज तत्व ज्यादा होते हैं, जिसके कारण ये शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है, वहीं ये ब्लड सर्कुलेशन भी सामान्य बनाए रखता है।डॉक्टरों का भी कहना है कि इससे दिल भी स्वस्थ रहता है।
कई दवाओं से बचाता है काला गेहूं
वैसे तो काले गेहूं का सेवन हर मौसम में किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सिडेंट्स तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपको हर मौसम में फिट एंड हेल्दी रखता है। ऐसे में अगर आप दवाओं से बचे रहकर खुद को कई गंभीर और सामान्य बीमारियों से बचाए रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से काले गेहूं के आटे से बनी रोटी खा सकते हैं। तो आइए पहले जान लेते हैं क्या होता है काला गेहूं ? और क्या हैं इसके फायदे।
क्या हैं काले गेहूं ?
काला गेहूं , सामान्य दिखने वाले गेहूं की ही तरह एक अनाज होता है, जिसकी चपाती खाई जाती है। पंजाब के नाबी नामक एक इंस्टिट्यूट ने अपने 7 साल के लंबे रिसर्च के बाद इसकी खोज की गई है।