पटना, जितेन्द्र कुमार सिन्हा। हिन्दी रत्न सम्मान से सम्मानित हुईं 20 विभूतियां । विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नागालैंड के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रुप में कहा कि हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है। इसी कारण से यह पूरी दुनिया में फैल रही है। किंतु इसे अभी तक भारत में ही वह स्थान नहीं मिला, जो इसे दिया जाना निश्चित किया गया था। हमें इस बात की चेष्टा अवश्य करनी चाहिए कि यह भारत के ललाट की शोभा बने।
इस अवसर पर अध्यक्ष अनिल सुलभ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने अपने अध्यक्षीय उद्गार में कहा कि हिन्दी संपूर्ण विश्व में अपने गुणों के कारण और संपूर्ण संसार में फैले भारत-वंशियों के प्रयास से तीव्र गति से विस्तार पा रही है, किंतु यह दिवस हमें यह भी स्मरण दिलाता है कि, अपनी ही भूमि में उसे वह स्थान अब तक नहीं प्राप्त हुआ, जिसे देने का निर्णय भारत की संविधान सभा ने वर्ष १९४९ में किया था।
मौके पर 20 प्रमुख लोगों को सम्मानित किया गया, जिसमें मालंच नई सुबह हिंदी दैनिक के सम्पादक नीरव समंदर्शी को पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने और हिन्दी भाषा के उन्न्यन में मूल्यवान योगदान के लिए यह हिन्दी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है।
नीरव समदर्शी मालंच नई सुबह हिंदी दैनिक के संपादक तो हैं ही साथ ही वे अपनी सक्रियता ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव के रुप में भी बनाए हुए हैं। श्री समदर्शी को सम्मान मिलने पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। जीकेसी मीडिया सेल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा, ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुमन कुमार मिश्रा, जदयू कलमजीवी प्रकोष्ठ के पूर्व महासचिव अनुराग समरूप, भाजपा नेता राजन कुमार सिन्हा, आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव कुमार सहित अन्य दर्जनों पत्रकार एवं साहित्यकारों ने बधाइयां दी है।
इस अवसर पर अध्यक्ष राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग, न्यायमूर्ति संजय कुमार, पूर्व न्यायधीश पटना उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व न्यायधीश पटना उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव एवं डा. राजवर्द्धन आजाद उपस्थित थे।