पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठी मांग। पटना, संवाददाता। इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा है कि बिहार सरकार यूपी की तर्ज पर प्रदेश में कोरोना के शिकार सभी पत्रकारों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दे। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि प्रदेश में मेडिकल वर्कर्स की तरह पत्रकारों को अब तक कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित नहीं किया गया, जबकि विभिन्न समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक चैनलों और और वेब चैनलों से जुड़े पत्रकारों ने अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना काल में आम लोगों को तमाम सूचनाएं उपलब्ध कराई। उन्होंने राज्य में शीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की।
श्री राव ने पटना के युवा आवास सभागार में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी और सभी जिलों के अध्यक्षों और सचिवों की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि आईएफडब्ल्यूजे पत्रकारों की सुरक्षा और उनके हितों के लिए पिछले सात दशकों से लगातार प्रयासरत है। हालांकि कोरोना की वजह से संगठन की सक्रियता पिछले दो सालों में प्रभावित हुई है। उन्होंने पदाधिकारियों से आह्वान किया कि अब स्थिति सामान्य होने पर संगठन के विस्तार पर ध्यान दें।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहन कुमार और बिहार ईकाई के परामर्शदात्री सदस्य प्रमोद दत्त की देख-रेख में सफलतापूर्वक संपन्न बैठक में पुनः डॉ ध्रुव कुमार अध्यक्ष और सुधीर मधुकर महासचिव चुने गए। बैठक में नव निर्वाचित अध्यक्ष और महासचिव को आगामी 15 दिनों में पूरी कार्यकारिणी गठित करने को अधिकृत किया गया है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहन कुमार ने कहा कि 10 जून 2022 तक जिला बार सदस्यों की अद्यतन सूची उपलब्ध कराना आवश्यक है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ध्रुव कुमार ने कहा कि पत्रकारों के लिए अपने लक्ष्य और मुद्दों के प्रति गंभीर रहना राष्ट्र और समाज के लिए अति आवश्यक हैI
बैठक में प्रमोद दत्त, प्रदीप उपाध्यक्ष, रामनरेश ठाकुर, श्रीमती वीणा बेनीपुरी, महेश प्रसाद सिंह, अभिजीत पांडेय, रवि रमन, आलोक नन्दन शर्मा, श्रीमती सोनिया सिंह, चंद्रशेखर भगत, अनुराग गोयल ,चन्द्रकान्त मिश्र, त्रिलोकी नाथ उपाध्याय, नरेश प्रसाद कर्ण ,जयप्रकाश सिंह, राम प्रकाश, हेमंत सिंह, पंकज श्रीवास्तव, राघवेंद्र सिंह, अमरनाथ प्रसाद, निरंजन कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पत्रकारिता और पत्रकारों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों की चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन सुधीर मधुकर कर रहे थे। जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप उपाध्याय ने किया।