JP University : छपरा में आज एसएफआई की एक प्रतिनिधिमंडल राज्याध्यक्ष शैलेन्द्र यादव के नेतृत्व मे जेपीयू के कुल सचिव डा रवि प्रकाश बब्लू से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने यह मांग उठाया कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) ( JP University) में राजनीति शास्त्र के पी जी सिलेबस से लोकनायक जयप्रकाश नारायण ,लोहिया,M.N.Roy, राम मोहन राय,तिलक आदि (जो पहले पढाये जाते थे अब नये पाठ्यक्रम मे नही पढाये जायेंगे) को पुनः पाठ्यक्रम मे शामिल किया जाय । ।इस घटना से नीतीश सरकार की दिमागी दिवालियापन का पता तो चलता ही है, यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि इस सरकार में बैठी मनुवादी विचारधारा धीरे धीरे अपना पैर भी पसार रही है।
जयप्रकाश नारायण न केवल 1974-77 के सम्पूर्ण क्रांति के नायक थे, बल्कि उनकी विचारधारा मनुवाद से मेल भी नहीं खाती थी।जे पी की विचारधारात्मक पृष्ठभूमि समाजवादी रहा है, यह जग जाहिर है।यही उनके गले की हड्डी बन गयी है।यही नहीं, राममनोहर लोहिया, एम एन राय और महान स्वतन्त्रता सेनानी तथा समाज सुधारक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को भी सिलेबस से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सिलेबस में इनकी जगह महिमामंडित किया जायेगा, आर एस एस के अपने समय के प्रचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को।
एसएफआई का मानना है कि विरोध का मुख्य स्वर , जे पी, लोहिया, तिलक और एम एन राय को सिलेबस से बाहर करने पर अवश्य ही होना चाहिये, क्योंकि उपरोक्त इतिहास पुरुष सामाजिक समरसता, कौमी एकजुटता और प्रगतिशीलता के प्रबल पैरोकार थे।क्या आर एस एस उपरोक्त बातों में विश्वास करता है ? फिर पी डी उपाध्याय विकल्प कैसै ? यह जलता हुआ सवाल है आज, न केवल छात्रों के समक्ष, बल्कि समाज के बुद्धिजीवियों और प्रगतिशील राजनैतिक दलों के सामने भी।प्रतिनिधिमंडल मे मुख्य रुप से एसएफआई केराज्याध्यक्ष शैलेन्द्र यादव के अलावे सारण जिला संयुक्त सचिव देवेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, पंकज कुमार शामिल थे ।