- मुख्य मंत्री ने की संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों पर समीक्षा बैठक ।
पटना,संवाददाता। मुख्यमंत्री Nitish Kumar की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक हुई। बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस वर्ष मनसून अवधि में सामान्य वर्षा की संभावना है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने एनडीआरएफ/एसडीआरएफ प्रतिनियुक्ति, नाव, पलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, बाढ़ स्थलों का चिन्हिकरण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बाढ़ से सुरक्षा हेतु कटाव निरोधक कार्यों, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों की नदीवार एवं जिलावार जानकारी दी।
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सभी नगर निकाय क्षेत्रों में जलनिकासी की व्यवस्था एवं पटना शहर तथा उसके आसपास के नगरीय क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पथ निर्माण विभाग की तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव ने अपने विभाग की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में पशु एवं कृषकों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में तैयार की गई योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने सभी जिलों के भूजल स्तर की जानकारी दी। उन्होंने बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में पेयजल की सुचारु व्यवस्था के संचालन हेतु कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी।
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सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे, जिसमें पटना, सहरसा, समस्तीपुर, खगड़िया, दरभंगा एवं मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारियों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक के दौरान Nitish Kumar ने कहा कि कोरोना संक्रमण का अभी दौर चल रहा है इससे लोगों का बचाव हमारी प्राथमिकता है। पूरा प्रशासन इसके लिए तत्परता से काम कर रहा है। इस विषम परिस्थिति में सबको मिल-जुलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि बिहार में कभी बाढ़, कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है। हर वर्ष की तरह इस बार भी बाढ़ एवं सुखाड़ की संभावना को देखते हुए पूरी तैयारी रखें। बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं। साथ ही प्रभावित लोगों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि कोई भी पीड़ित लाभ से वंचित न रहे। बाढ़ राहत कार्यों में जिन-जिन पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं जीविका दीदियों का सहयोग लिया जाएगा उनका टीकाकरण अवश्य करवा लें।
Nitish Kumar ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को जल्द पूरा करें। बाढ़ की स्थिति में तटबंधों के निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए। इसके लिए गश्ती कार्य नियमित रुप से हो।
उन्होंने कहा कि सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों से उनके क्षेत्रों के संबंध में भी जल्द से जल्द सुझाव लें और उस पर अमल करें। पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें। ग्रामीण सड़कें जो पहले से क्षतिग्रस्त हैं, उनका भी मरम्मति कार्य जल्द पूर्ण करें। गुणवत्ता पूर्ण सड़कों का निर्माण के साथ-साथ उनको मेनटेन रखना भी उतना ही जरुरी है।
Nitish Kumar ने कहा कि 30 मई तक पशुचारा का दर एवं आपूर्तिकर्ता, बाढ़ राहत सामग्री आदि के संबंध में पूरी व्यवस्था कर लें। सुखाड़ की स्थिति में पशुओं के लिए जल की उपलब्धता हो, इसकी भी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि हर घर तक नल का जल के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही अगर कहीं चापाकल की आवश्यकता महसूस होगी तो उसकी भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ की संभावना को देखते हुये बाढ़ राहत केंद्र के लिये जगह को चिहिनत कर पहले से ही सारी तैयारी रखें। संबद्ध विभाग संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर पूर्ण तैयारी रखें। इसको लेकर जून के पहले सप्ताह में एक बार फिर से समीक्षा की जाएगी।