KST College Nalanda: बिहार शरीफ नालन्दा 20 जून 2021 पटना विश्व विद्यालय शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच एंव इंकलावी नौजवान सभा के वैनर तले केएसटी कॉलेज में मंत्री-प्राचार्य गठजोर के मेल से व्याप्त फर्जीवाड़ा,घोटाला के खिलाफ धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता इंकलावी नौडजवान सभा के जिलाध्यक्ष विरेश कुमार ने किया । धरना को संबोधित करते हुए इनौस के जिला अध्यक्ष विरेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भ्रष्टाचार, घोटाला, फर्जीवाड़ा की बात करते थकते नही लेकिन सच्चाई उसके उल्टा है।
जिसका जीता जागता उदाहरण मुंख्यमंत्री के गृहजिला नालंदा के बिहार शरीफ के KST College Nalanda के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार एंव ग्रामिण मंत्री श्रवण कुमार, सचिव KST College के गठजोर ने फर्जीवाड़ा, घोटाला, अनियमित्ता, दमन के दलदल मे केएसटी कॉलेज डूबा हुआ है। सबसे आश्यर्चाय की बात है कि केएसटी डीग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार का जन्म तिथि 17/01/1950 है लेकिन 71 वर्ष उम्र मे भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के बल पर अभी तक कुर्सी से चिपक कर आकंठ लूटतंत्र मे डूबे है। इतना ही नही इनके पुत्र संजीत कुमार का योगदान की तिथि 1989, 1995, 1996, 2006, 2018 है। ये डिग्री कॉलेज के इतिहास विभाग में प्रोफेसर है लेकिन गलत तरीके से मंत्री श्रवण कुमार के लेटर पैड से प्राचार्य बना दिया गया जो फर्जीवाड़ा का अंतिम गंध है। बात इतना ही नही है बाप-बेटा के गठजोड़ ने इन्टर और डिग्री कॉलेज के सरकार द्धारा प्रदत अनुदान की राशी के वितरण में भारी घोटाला एंव अनियमित्ता है केएसटी इण्टर कॉलेज के प्राचार्य संजीत कुमार अपराधी और घोर सांमतीप्रवृति का व्यक्ति है।
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केएसटी डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष शैलेश कुमार जब डॉ अशोक कुमार से सरकार द्धारा जारी निर्देश का 70/ 30/ का अनुपालन 2020 के 4 महीने के लॉकडाउन का वेतन मांगने और अनुदान की राशी को कमिटी बनाकर वितण के मांग करने पर 3 मार्च को मारपीट कर कॉलेज से भगा दिया। 2010 से 2021 तक लगभग 40 करोड़ का घोटाला है। जिसकी जाँच सीबीआई से कराया जाय।
चल रहे धरना को मंत्री श्रवण कुमार इशारे पर पुलिस द्धारा जबरदस्ती धरना को बंद करने पर घोर निंदा करते हुए जिला के तमाम प्रखडो में मंत्री श्रवण कुमार का पुतला दहन किया जायेगा। कार्यक्रम में कॉ मनमोहन, कॉ रामदास अकेला, कॉ शत्रुधन कुमार, कॉ रामदेव चौधरी जयंत कुमार धन्नजय कुमार, डॉ शैलेश कुमार यादव, शैलेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, ब्रहमदेव प्रसाद आदि सैकड़ो लोग शामिल थे।