सफाई कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों पर अड़ा। पटना, (नवीन कुमार) कूड़ा उठाने के लिए निगम की गाड़ियां नगर के विभिन्न क्षेत्रों में नहीं जा रहीं हैं। नतीजतन अबराजधानी के नागरिक अज्ञात संभावित महामारी से डरे हुए हैं।डरें भी क्यूं न? पटना नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी सफाई कर्मचारी महासंघ की हड़ताल के चलते प्रतिदिन उत्सर्जित 800 टन से अधिक कूड़े का उठाव नहीं हो पा रहा है व नगर विकास विभाग द्वारा हड़तालियों के मान मनौव्वल का प्रयास नाकाम रहा है। कर्मी भीम राज और आफताब आलम ने हडताली कर्मियों को सराहा।
उनकी एकजुटता से परेशानी बढ़ने की संभावना है।जबकि मौसम विभाग ने पटना समेत अन्य 26 जिलों में बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। ऐसा लगती है मानो बजबजाती राजधानी की सभी संभावित तैयारियां लगभग पूरी हैं।
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इस बीच तथाकथित जलापूर्ति कर्मी संघ की भी मौन समर्थन की संभावना से निगम के हाकिम अब हकमते नजर आ रहे हैं। कंकड़बाग, पाटलिपुत्र, बांकीपुर, नूतनराजधानी, अजीमाबाद और पटना सिटी अंचल में धीरे-धीरे कूड़ा-कचरा का ढ़ेर देख कर,सभी नागरिक सहम उठे हैं। राजीवनगर इलाके की महिला रीता हजारी, रामनगरी की रहने वाली रेणु सिंह व वरीय अधिवक्ता भावना सिंह ने कहा कि जनता से होल्डिंग टैक्स के साथ, जनता से सफाई मद की अग्रिम की वसूली की गई है, तो शासन और प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है कि किसीवैकल्पिक व्यवस्था को अमल में लाएं ताकि निगम कर्मियों की इस हड़ताल का खामियाजा जनता को नहीं भुगतना पड़े या फिर हडताल तुड़वा कर कचड़ा उठाव का काम शुरु कराया जाए।
वैसे मांग माने जाने तक हड़ताल जारी रखने का एलान कर नगर निगम कर्मचारियों ने सरकार की नींद हराम कर दी है। .बताया गया है कि आउटसोर्सिंग का सहयोग लेने की संभावनाओं पर प्रशासन विचार कर रहा है।
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