- सरकार ने कहा जनहित में बेहतर-कारोबारियों ने आमदनी को लेकर कमतर माना ।
पटना, अर्चना आनंद।कोरोना संक्रमण पर बीते Lockdown का संतोषजनक असर को देखते हुए शासन और प्रशासन के ओहदेदारों ने सोमबार को सर्वानुमति से बिहार में एक हफ्ते तक के लिए फिर से Lockdown को जनहित में बढ़ाने का फैसला लिया है ।हालांकि इस लॉकडाउन-4 मद में शासन ने जनता को कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए अधिक रियासतों का ऐलान कर दिया है , लेकिन दैनिक कारोबारी का कहना है कि जब कोरोना इतना नीचे आ गया है तो लॉकडाउन समाप्त हो जाना चाहिए था। वही कुछ गृहणियां व छात्र को वदिशें अब खलने लगी हैं।
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कारोबारी अखिलेश प्रसाद, गौने, चनेश्वर राय ,फेकू प्रसाद का कहना है कि 10से 5बजे शाम तक के लिए कारोबार करने की छूट दी जाती तो बेहतर होता क्योंकि कोरोना काल में अधिक समय तक बंदी से आर्थिक स्थिति खराब हो गई है ।संवाद के दौरान पूछे जाने पर गृहणियों तथा कुछ शिक्षार्थियों ने लॉकडाउन बढ़ाये जाने को उचित कहा तो वहीं कुछ ने नियम और सख्त करने की सलाह दी । डॉ.कुमुद वर्मा,शिक्षाविद का कहना है कि कोरोना संक्रमण का कुप्रभाव समाप्त करने में सरकारी तंत्र का सहयोग करना चाहिए। निर्धारित गाइडलाइंस का पालन भी जनता करे। उन्होंने यह भी कहा कि जान है तो जहान है।
महिला अधिवक्ता मधु श्रीवास्तव ने भी Lockdown को बढ़या जाना लोकहित में माना लेकिन युवाओं का मन टटोला गया तो बातें सैर-सपाटे की उठ गई। पटना की रश्मि ने पूछा कि आखिर कब खुलेंगे कॉलेज? राजीव नगर की रीता हजारी ने जानना चाहा है कि किराएदारों का रवैया इस दौरान संतोषजनक नहीं है वे लॉकडाउन की आड़ में बकझक करने पर आमादा हैं।
प्रबुद्ध महिला रेणु सिंह का कहना है कि Lockdown के समय का होल्डिंग टैक्स, ईएमआई और आयकर रियायत जनता को दी जानी चाहिए । कुल मिलाकर लॉकडाउन 4 को किया जाना जनहित में लोग मानते हैं, लेकिन सरकारी से आर्थिक सहायता की उम्मीद भी रखते हैं।