बिहटा/पटना,जितेन्द्र कुमार सिन्हा। माँ के प्रति आदर और सम्मान जागृत करने के उद्देश्य से मातृ दिवस पखवाड़ा / के अवसर पर मातृशक्ति सम्मान समारोह का आयोजन पटना जिला के बिहटा प्रखण्ड अवस्थित महिला बाल युवा केन्द्र, कोरहर के तत्वावधान में रामचंद्र सिंह सभागार में अयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न स्वयं सहायता समूह की 64 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया और समारोह की अध्यक्षता वर्षा एसएचजी की सुनैना देवी ने की।
सम्मान समारोह कार्यक्रम का का उद्घाटन स्वयं सहायता समूह की महिला प्रतिभागियों एवं भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा, बिहटा के क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
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सम्मान समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रभात कुमार ने कहा कि माता प्रेम, दया और स्नेह की प्रतिमूर्ति होती है, जिसकी छाया में मनुष्य ही नहीं देवता भी आनंदित होते हैं।
मातृशक्ति सम्मान समारोह के मौके पर क्षेत्र के प्रसिद्धि समाजशास्त्री प्रभावती देवी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मां शब्द पर कुछ विशेष बातों का बखान किया गया है, जो आपका चेहरा पर आपके सुख-दुख को बता देती हैं। मां निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों के लालन-पालन के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देती है। माँ की सेवा का मोल भगवान भी नहीं चुका सकते हैं। मां वह शब्द है जिसके सामने हर कोई नतमस्तक हो जाता है।
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उक्त अवसर पर सुनैना देवी ने मां के प्रति स्नेह भाव को प्रकट करते हुए कहा कि आज के बदलते युग में बच्चों को मां के प्रति जागृत करना बहुत जरूरी है। राधे श्याम ने कहा कि मां वह मूर्ति हैं जो रोते हुए को हंसा दे तथा बिगड़े हुए कार्यों को भी सुधार दे। मां एक छाया है जो सभी जगह आपके साथ रहती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसएसजी समूह की लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि मेरे लिए मेरी मां ही सब कुछ है। वह मेरी छाया है। मुझ पर उनकी इतनी कृपा है कि मुसीबत आती है और पल भर में दूर भी हो जाती है। अंजली ने बताया कि वैसे तो मेरे जीवन के मेरे पापा का मां से जरा सा भी कम स्थान नहीं है। पर, मां तो मां ही है। वह ममता की साक्षात प्रतिमूर्ति है। समूह की पम्मी कुमारी ने कहा कि मां ही मेरा संबल है। जीवन पथ में जब भी कोई कठिनाई आयी, मां ने उसका समाधान पलक झपकते कर दिया। सच कहूँ तो मां सिर्फ एक मां नहीं बल्कि वह साक्षात् ईश्वर का रुप है।
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समूह कि प्रियंका कुमारी ने कहा कि माता का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। मां ममता की मूर्ति तो है, पर सबसे झूठी भी है। वह खुद भूखी रहकर अपनी संतानों को इसका जरा सा भी महसूस नहीं होने देती है। सही मायने में कहें तो भगवान ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर मां को बनाया है। जिसकी मां है, वह बड़ा ही सौभाग्यशाली है। मां को कभी तकलीफ नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। मां का सम्मान करें। इससे आपका भी मान बढ़ेगा। समारोह को संबोधित करने वालों में शिक्षक सुरेश ठाकुर, मनीष कुमार, लक्ष्मी कुमारी, अंजली कुमारी, पम्मी कुमारी एवं प्रियंका कुमारी प्रमुख थे।