पटना, संवाददाता। कायस्थों की संस्था मिशन टू करोड़ चित्रांश ने अंतराष्ट्रीय बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सच्चिदानन्द सिन्हा को भूला दिए जाने की घोर निंदा की है। संस्था के के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कर्ण, उपाध्यक्ष नीलिमा सिन्हा, राजेश कुमार कंठ और प्रदेश उपाध्यक्ष वन्दना सिन्हा ने प्रेस को संयुक्त रूप से बयान जारी कर बिहार को बंगाल से अलग करने की लड़ाई के आगाज में मुख्य भूमिका निभाने वाले सच्चिदानन्द सिन्हा को बिहार दिवस के कार्यक्रमों में भूलने की निंदा की है।
Read also- वीआईपी प्रत्याशी डॉ. गीता कुमारी ने भरा पर्चा, मंत्री मुकेश सहनी और पूर्व मंत्री रमई राम रहे मौजूद
श्रीमती निलिमा सिन्हा ने कहा कि बिहार को बंगाल से अलग कर स्वतंत्र राज्य के अस्तीत्व में लाने के लिए सच्चिदानन्द सिन्हा ने लंबा संघर्ष किया था अंग्रेजों के साथ-साथ तब के बंगाल प्रशासन से उन्हें लंबी बौद्धिक लड़ाई लड़नी पड़ी थी। तब आज के बिहार क्षेत्र में बंगालियों और बंगलाभाषियों का दबदबा अधिक था, प्रशासनिक और शैक्षणिक पदों पर भी उन्हीं का वर्चस्व था।
इस लड़ाई के लिए उन्होंने अपना एक अखबार का प्रकाशन भी शुरू किया था। उनका ये योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। बिहार प्रदेश के स्वतंत्र अस्तीत्व की कल्पना भी सच्चिदानन्द सिन्हा के बिना नहीं की जा सकती है। ऐसे में बिहार दिवस के कार्यक्रम में सच्चिदानन्द बाबू की चर्चा न किया जाना निंदनिय तो है ही, बिहार की जनता का अपमान भी है।