सिंदूर खेला के साथ माता की विदाई। छपरा,प्रखर प्रणव। छपरा में कचहरी रोड स्थित कालीबाड़ी में माता के सिंदूर खेला पूजा का आयोजन बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के वातावरण में किया गया। इसके तहत सुबह पहले माता की बंगला रीति रिवाज के अनुसार पूजा की गई। और उसके बाद माता को सिंदूर लगा के विदाई दी गयी। इसमे बंगाली समाज की सबसे बुजुर्ग सुहागिन महिला पुतुल चौधरी ने सर्वप्रथम माता को सिंदूर लगाकर माता की विदाई पूजा की। उसके बाद सभी महिलाओं ने माता को और एक दूसरे सिंदूर लगाया।
शहर के बंगाली समाज द्वारा करीब 99 साल से यहां पर बंगाली रीतिरिवाज के अनुसार परम्परागत तरीके से पूजन का आयोजन किया जाता है। इसे परम्परागत इसलिए कहा जाने लगा है कि यहाँ के पुरोहित, जिसे बंगला भाषा में पुरत मोशायी कहा जाता है, पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार द्वारा पूजा कराई जाती है और वही मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी एक ही परिवार के लोग होते हैं जो शुरु से मूर्ति बनाते चले आ रहे है।
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यहां की महिला भक्तों ने बताया कि आज के दिन माता की विदाई पूजा की जाती है और आज ढाकी की थाप पर माता की विशेष आरती की जाती है।
दूसरी तरफ पूरे छपरा शहर में दुर्गा पूजा को लेकर काफी उत्साह देखा गया। यहां के मंदिरों को रंग बिरंगी आकर्षक लाइटों से सजाया गया है और जगह जगह पर आकर्षक पंडाल का निर्माण किया गया है। जिला प्रशासन ने भी दुर्गापूजा घूमने वालो से अपील की है की मेला में जाने वाले लोग कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें।
म और हर्षोल्लास के वातावरण में किया है जिसमे आज सुबह पहले माता की बंगाली रीति रिवाज के अनुसार पूजा किया गया। और उसके बाद माता को सिंदूर लगा के विदाई दी गयी जिसमे बंगाली समाज की सबसे बुजुर्ग सुहागिन महिला श्रीमती पुतुल चौधरी ने सर्वप्रथम माता को सिंदूर लगाकर माता की विदाई पूजा की। उसके बाद सभी महिलाओं ने माता को और एक दूसरे सिंदूर लगाया।
शहर के बंगाली समाज के द्वारा यहां पर करीब 99 साल हो चुके है और यहां पर बंगाली रीतिरिवाज के अनुसार परम्परागत तरीके से पूजन का आयोजन किया जाता है इसे परम्परागत इसलिए कहते है की यहाँ के पुरोहित जिसे बगला भाषा मे पुरत मोशायी कहते है पीढ़ी दर पीढ़ी इन्ही के परिवार के द्वारा पूजा कराई जाती है और वही मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी एक ही परिवार के लोग होते है जो सदियों से मूर्ति बनाते चले आ रहे है।
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वही यहां की महिलाओं ने बताया की आज के दिन माता की विदाई पूजा की जाती हैऔर आज ढाकी की थाप पर माता की विशेष आरती की गई। वही छपरा शहर में दुर्गा पूजा को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है यहां के मंदिरों को रंग बिरंगी आकर्षक लाइटों से सजाया गया है और जगह जगह पर आकर्षक पंडाल का निर्माण किया गया है। वही जिला प्रशासन ने लोगों से दुर्गापूजा घूमने वालो से अपील की है की मेला में जाने वाले लोग कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करे।