- -युवा संगीत साधकों ने बढ़ाया देश का सम्मान
पटना, संवाददाता। “जागे युवा-जागे भारत” कार्यक्रम श्रृंखला में “एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान” व अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 53वें ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा संगीत (Music) सम्मेलन का आयोजन काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन उस्ताद अलाउद्दीन खान अकादमी, भोपाल के पूर्व निदेशक पंडित अरुण पलनितकर ने किया।
राष्ट्रीय युवा संगीत (Music) सम्मेलन का शुभारंभ महाराष्ट्र के 14 वर्षीय युवा कलाकार ध्यानेश महाडिक के तबला वादन से हुआ। उन्होंने बनारस घराना और पंजाब घराना के कुछेक प्रमुख चलन की भी प्रस्तुति दी।
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कोलकाता की युवा कलाकार सुश्री यज्ञसेन मजूमदार ने राग यमन में अपने शास्त्रीय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी। संगीत (Music) सम्मेलन का समापन काशी के युवा कलाकार इंद्रेश मिश्रा के शास्त्रीय गायन से हुआ। उन्होंने बनारसी कजरी की प्रस्तुति दे कर लोगों का दिल जीत लिया।
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक श्रोती ने आयोजन के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि संगीत आचार्य डा अंजू मुंजाल ने शास्त्रीय संगीत (Music) के विविध आयामों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की अध्यक्षता रंगकर्मी-लेखक, शिक्षाशास्त्री व इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट, बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के सपने को साकार करने में सांस्कृतिक आदान-प्रदान एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने युवा संगीतकारों को प्रेरित करते हुए कहा कि संगीत (Music) एक साधना है और यह बिना किसी भेदभाव के सच्चे साधकों को सफलता के शीर्ष पर ला खड़ा करता है।
कार्यक्रम का संचालन और स्वागत बीएचयू राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ बाला लखेन्द्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अरुणोदय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक प्रो पंकज बोरा ने किया।