पटना, मोहन कुमार। National Health Mission के तहत नियुक्त स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के साथ बिहार सरकार ने फिर से छल किया है ऐसा मानना है सचिव ललन कुमार सिंह का । राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के मानदेय को बढ़ाया है, जिसमें कई स्तर के कर्मियों को 4000 से लेकर 40000 रुपये तक मानदेय की बढ़ोतरी हुई है। बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ ने सरकार को धन्यवाद दिया है, साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने यह कहा है कि हमारी नियुक्ति National Health Mission के द्वारा की गई थी। राज्य सरकार ने एक बार फिर हम सभी संविदा कर्मियों के साथ छल किया है।
हमारे मानदेय में आज भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई, और नहीं कोई अन्य सुविधाओं की घोषणा की गई। हम आज भी 12000, एवं फार्मासिस्ट डिग्री प्राप्त कर्मी 15000,रुपये मात्र के मानदेय पर ही कार्यरत हैं ।राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप जो संविदा कर्मी कार्यरत हैं, उनके ही मानदेय में वृद्धि किया गया है। जबकि इनका भुगतान भी हमलोगों के तरह ही बिहार सरकार के ट्रेजरी रूट से व्यवसायिक संविदा सेवाएं मद से किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कई कैटेगरी के पद हैं। जिनका आज भी मानदेय कम है और हम सभी अपने हक के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।दूसरी तरफ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त स्वास्थ्य विभाग के व्यवसायिक संविदा सेवा के तहत ही भुगतान होने वाले कर्मी हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में कई बार सरकार से आग्रह करने के बाद कोई काररवाई न होता देख स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर सभी कर्मी राज्य स्तर से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक, होम आइसोलेशन में चले गए थे। बाद में माननीय उच्च न्यायालय पटना बिहार के आश्वासन पर सभी स्वास्थ्य संविदाकर्मि अपने कार्य पर लौटे हैं,उच्च न्यायालय द्वारा 4 सप्ताह में उचित काररवाई का निर्देश राज्य सरकार को दिया गया था। परंतु संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार(स्वास्थ्य विभाग) ने दिनाँक-25 मई को लिए निर्णय के अनुसार, एक बार फिर हम लोगों के साथ छल किया है । 4 सप्ताह बाद उच्च न्यायालय मैं सुनवाई के बाद, संघ द्वारा आगे का निर्णय लिया जाएगा।