Sushil Kumar Modi
बिहार

जनसंख्या मुद्दे पर एनडीए के घटक दल बयानबाजी नहीं करेंः सुशील मोदी

पटना, संवाददाता। पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत बड़ी आबादी वाला देश है, इसलिए इस मुद्दे पर वैधानिक, प्रशासनिक और अकादमिक स्तर पर भी लगातार विमर्श चलता रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने एक बच्चे की नीति का विरोध किया है। कुछ संगठनों की राय अलग है। सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि इस पर एनडीए के घटक दलों को सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि मिल बैठ कर यह विचार करना चाहिए कि विकास की गति बढाने के लिए आबादी को कैसे नियंत्रित किया जाए और कैसे उसका उपयोग संसाधन के रूप में किया जाए।

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एक अन्य ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें पहले से अपने केवल उन कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा और बच्चों की पढाई के लिए 1500 रुपये मासिक की सहायता दे रही हैं, जो दो बच्चों की नीति का पालन करते हैं। आयकर में छूट और जननी स्वास्थ्य योजना का लाभ भी केवल दो बच्चों वालों को मिलता है।

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श्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद 2007 में नगरपालिका अधिनियम में संशोधन कर यह व्यवस्था की गई कि केवल दो बच्चे वाले व्यक्ति ही नगर निकाय का चुनाव लड़ सकेंगे।
राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उडीसा में दो बच्चे वाले ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं।
असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों की नीति अनिवार्य की गई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।