पटना, नवीन कुमार।बाढ़ का स्थायी निदान की आस लिए कई पीढ़ियां गुजर गई, लेकिन आज भी इस समस्या का निदान नहीं निकल सका है और जिस धीमी गति से सरकारी काम करने की प्रवृत्ति है,आपलोग मीडिया में लिखते रहेंगे और हम बाढ़ की त्रासदी झेलते रहेंगे।ये बातें हमारे संवाददाता को मसान नदी के समीप मिले एक स्थानीय बुजुर्ग नागरिक ने कही। पूर्व विदित है कि उत्तर बिहार की गंडक (Gandak), बूढ़ी गंडक (Gandak), मसान समेत कई बरसाती नदियां उफान पर हैं। बाढ़ के अंदेशे ने स्वाभाविक तौर पर लोगों की नींद उड़ा दी है। कई निचले क्षेत्र में बाढ़ का पानी आ चुका है।
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खबरों के मुताबिक इस बीच 195 एमएम बारिश बेतिया में दर्ज की गई है। इस बात की संपुष्टि यहां के मौसम विज्ञान केंद्र के हाकिम विपुल चौधरी ने की है। रामनगर,नरकटियागंज समेत कई अन्य गांव के लोग दहशत में हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और पटना में इस बाबत उच्च स्तरीय बैठकें भी होती रही लेकिन फिलहाल वाल्मिकीनगर से होकर उफनायी गंडक (Gandak) नदी का विकराल रूप,सभी के समझ से परे है।क्षेत्र की जनता भी हर समय त्राहिमाम कर रही है ।