पटना,संवाददाता। जॉर्ज फर्नांडिस की पुण्य तिथि पर एक संगोष्ठी आयोजित कर उन्हें याद किया गया। आज गर्दनीबाग में ‘न्याय-मंच’ ने भारत सरकार में कई मंत्रालय के मंत्री और बिहार के मुजफ्फरपुर से कई बार सांसद रहे प्रखर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की पुण्य तिथि पर जार्ज साहब व मजदूर विषय पर संगोष्ठी का कोरोना गाइड लाइन के तहत आयोजित कर उन्हें याद किया।
संगोष्ठी से पहले न्याय-मंच के सदस्यों ने जॉर्ज फर्नांडिस की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। संगोष्ठी की अध्यक्षता नीलिमा सिन्हा ने की, वहीं संचालन केशव पाण्डेय ने किया।
संगोष्ठी में न्याय-मंच,बिहार के संयोजक व जद यू के प्रदेश सचिव मनोज लाल दास ‘मनु’ ने कहा कि जॉर्ज साहब समाजवादी विचारधारा के प्रखर राजनेता के अलावे देश में मजदूरों के सबसे बड़े हमदर्द थे। जीवनपर्यंत वे गरीबों व श्रमिकों की मुखर आवाज़ थे। जॉर्ज साहब की राजनीतिक कर्मभूमि बिहार ही रहा और कई बार सांसद भी बिहार से ही बने, जिसमें एक बार जेल से ही मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र से सन 1977 का चुनाव जीते, जिससे बिहार की मिट्टी से उनका लगाव बना रहा।
मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता पवन राठौर ने कहा कि बिहार विकास में भी जॉर्ज साहब के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता जिसका उदाहरण ‘नालंदा आयुध कारखाना’ तो है ही इसके अलावे कई कंपनियों की स्थापना कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए बिहार को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया। जिसमें बिहार के हजारों गरीब बेरोजगारों को रोजगार मिला जो दर्शाता है कि जॉर्ज साहब दूरदर्शी नेता थे।
संगोष्ठी में अपनी बातें रखती हुई मंच के संस्थापक सदस्य नीलिमा सिन्हा ने कहा कि जॉर्ज साहब के पुण्य तिथि और जयंती पर हमसबों को उनकी जीवनी से प्रेरणा लेनी चाहिए कि वे सादगी से रहने वाले ईमानदार नेता थे, जिन्होंने अपने लिए कोई संपत्ति नहीं बनाई। उन्होंने ‘आपातकाल’ के दौरान एक निडर राजनीतिक योद्धा के रूप में जो संघर्ष किया उसको कोई भुला नहीं सकता।
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जदयू नेता व अधिवक्ता राजीव प्रशांत ने कहा कि श्री जॉर्ज के जीवन में झांकने से मालूम चलता है कि वे सही अर्थों में धर्मनिरपेक्ष नेता थे, जिन्होंने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया और गरीब-मजदूर की भलाई के लिए आवाज़ उठाते रहे। अब तो बिहार सरकार ने देर से ही सही, लेकिन उनके जन्मदिन को राजकीय समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है और मूजफरपुर में आदमकद प्रतिमा स्थापित की है, वो सवागत योग्य है। उन्होंने कहा कि जार्ज साहब की प्रतिमा पटना में भी सरकार लगाए।
संगोष्ठी में न्याय-मंच के अधिवक्ता रविप्रकाश, अशोक कुमार,बिनय कुमार कर्ण, राजीव प्रशांत, दीपक कुमार सिंह, एमआर मल्लिक, संजय कुमार सिंह आदि ने जार्ज साहब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सादगी के मामले में जार्ज साहब अद्वितीय थे। वे हमेशा गरीबो के उत्थान में लगे रहने वाले और सामाजिक न्याय के पुरोधा थे।