पटना, संवाददाता। लोकनाटकों में गीत और संगीत विषय पर परिचर्चा । लोक नाट्य सम्राट और लोक नाट्य शैली विदेशिया के जनक भीखारी ठाकुर की जयंती पर एक लघु परिचर्चा का आयोजन सामयिक परिवेश द्वारा किया गया। परिचर्चा का विषय था लोकनाटकों में गीत और संगीत।
इस मौक़े पर लेखिका ममता मेहरोत्रा ने अपनी नई प्रकाशित पुस्तक गीता प्रश्नोत्तरी लोक गायिका मैथिली ठाकुर को भेंट स्वरूप दी और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि मैथिली ने बहुत कम समय में लोकगायन के क्षेत्र में अपने लिए बड़ा मुक़ाम बनाया है। हमारी मंगलकामना है कि वो इसी तरह तरक़्क़ी करती करती रहे। हमसब की शुभकामनाएँ मैथिली के साथ है।
इसे भी पढ़ें- शानदार रहा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का अनुभव
लोकनाटकों में गीत और संगीत विषय पर परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए नाट्य लेखिका ममता मेहरोत्रा ने नाटकों में लोकसंगीत की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि हमारी संस्था सामयिक परिवेश की कोशिश है कि लोक गायन और लोक संस्कृति को संरक्षित करे और प्रोत्साहित करे। इस कार्य के लिए सामयिक परिवेश की कोर कमेटी अपनी ओर से कार्ययोजना बना कर जल्द ही काम शुरु करेंगी।
मौके पर राज्य के मशहूर कवि दिलीप कुमार और लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भी लोक गीत और लोक गायन और नाटक विषय पर अपनी बातें रखीं। इन लोगों ने कहा कि लोक संगीत और लोक गायन, लोक नाटकों का वह श्रृंगार है जो नाटक को सुंदर, आकर्षक, मंचनीय और दर्शनीय बनाता है।यह मंच पर मनोरंजक तत्वों को भरने का काम करता है।