अब पंच-सरपंच करेंगे आंदोलन । पटना,संवाददाता। सूबे के ग्राम कचहरियों के साथ राज्य व केंद्र सरकार लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। दुर्भाग्य है सुशासन और न्याय के साथ विकास का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की कथनी और करनी में आकाश जमीन का अंतर है। ये बातें पंच सरपंच संघ, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष आमोद कुमार निराला ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
विज्ञप्ति में याद कराते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञात हो कि 13 दिसमवर 13 को बिहार विधान मंडल एवं 22-23 जुलाई 2016 को वेबकास्टिंग के माध्यम से स्वयं मुख्यमंत्री महोदय ने पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधि हित में दर्जनों घोषणाएं की थी। लेकिन दुर्भाग्य है कि जमीन पर अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। निराला ने कहा कि पंचायत चुनाव के पूर्व पंचायती राज मंत्री ने भी ग्राम कचहरी को सशक्त बनाने तथा कई विकासात्मक कार्यों में प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने मीडिया में वक्तव्य दिए थे। दुर्भागय से यह सब भी हवा-हवाई ही साबित हो रहा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2006 से ग्रामीण न्याय व्यवस्था को सुविधा विहीन बनाकर रखा गया है जबकि अनुमंडल, व्यवहार एवं उच्च न्यायालय का बोझ कम कर ग्राम न्यायालय लगभग दो लाख वाद या मुकदमा प्रतिवर्ष कम कर रहा है। श्री निराला ने आरोप लगाया कि ग्रामकचहरी के इतना करने के बाद भी सरकार, शासन- प्रशासन द्वारा इसे उपेक्षित कर हाशिए पर रखने की कोशिश की जा रही है। आए दिन हमारे प्रतिनिधियों के साथ मारपीट, जानलेवा हमला, झूठे मुकदमे तथा हत्या तक की घटना घटित हो रही है।
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इस बावत बिहार प्रदेश पंच-सरपंच संघ ने मुख्यमंत्री, पंचायती राजमंत्री, कानून एवं न्याय मंत्री सहित केंद्र एवं राज्य सरकार को पहले ही पत्र लिख चुका है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है गया था कि एक माह के अंदर ग्राम कचहरी और उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों की सरकार सुधि ले और नियमानुसार इनका सहयोग और सहभागिता सुनिश्चित करे। पत्र में यह भी कहा गया था कि हम भी सरकार के, शासन-सत्ता के अभिन्न अंग हैं, हमें भी जनता जनार्दन ने अपना मत देकर इस कार्य के लिए निर्वाचित किया है। राज्य की 75 से 80 प्रतिशत आबादी को हम न्याय के साथ विकास की मुख्यधारा में लाने में सहयोग और समय प्रदान करते हैं। हमारे साथ भी सरकार सौतेलापन का व्यवहार छोड़ न्याय करे। अन्यथा लाचार, विवश और बाध्य होकर हम सब लोकतांत्रिक पद्धति से सड़क से सदन तक बिहार के ग्राम कचहरियों के पूर्व एवं वर्तमान प्रतिनिधि तथा कर्मी आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे।अगर ऐसा होता है तो इस आंदोलन की सारी जवाबदेही सरकार और शासन-प्रशासन की होगी।
अब पंच-सरपंच करेंगे आंदोलन
निराला ने कहा कि इस संदर्भ में आगामी 14 मई को संघ के प्रदेश कार्यकारिणी की महाबैठक होगी। जिसमें 11 बिंदुओं पर चर्चा और समीक्षा होगी और आगे का रणनीति तैयार की जाएगी। ये तमाम जानकारी बिहार प्रदेश पंच-सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला, संयोजक सह एस्टेट प्रशिक्षक पुष्पेंद्र उपाध्यक्ष वशिष्ठ निषाद, संगीता देवी, सलाहकार अजय कुमार अधिवक्ता,महासचिव अरुण सिंह, सचिव दिनेश यादव, गजाधर पासवान आदि ने संयुक्त रूप से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी है।