पटना, संवाददाता। पाटलिपुत्र हिन्दी साहित्य ने आयोजित किया एक सांस्कृतिक कार्यक्रम। वैदिक संस्कृति प्रकृति, पाली,अपभ्रंश यदि पड़ावों से गुजर कर हिन्दी भारत वासियों के दिल की धड़कन बनी।देश की प्रगति में राष्ट्रभाषा हिंदी का विशेष महत्व रहा है। यह उद्गार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पौत्र अरविंद कुमार सिंह ने पाटलिपुत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के नव वर्ष के मिलन पर सम्मान और सांस्कृतिक समारोह के अवसर पर कही।
उन्होंने आगे कहा भारतीय भाषाओं का इतिहास उठाकर देखें तो पता चलता है कि हिन्दी किसी न किसी रूप में अपनी सहोदर अन्य भाषाओं को अपना सहयोग प्रदान करती रही है।मुख्य अतिथि जेडीयू के वरिष्ठ नेता मधेश्वरी सिंह,वरिष्ठ समाजसेवी प्रेमलता सिंह और चंद्रकला सिन्हा ने भी समारोह को संबोधित किया।
समारोह की शुरुआत में सभी आगत अतिथियों को स्वागत नवसृजन एवं सर्वांगीण विकास के सचिव पूजा ऋतुराज ने और अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष विश्वमोहन चौधरी संत ने किया। अतिथियों के हाथों पूनम सिन्हा,संगीता मिश्रा और रमन राज को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रोत और स्वतंत्रता दिवस पर आधारित देशभक्ति गानों, नृत्य और लोकगीतों ने इस कार्यक्रम को मनमोहक बना दिया था।
इसे भी पढ़ें – दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने गणतंत्र दिवस पर किया झंडारोहण
विनोद पंडित के संगीत निर्देशन में नाल दिलीप कुमार ,उमेश कुमार और हारमोनियम पर खुद विनोद पंडित और नागेंद्र पाल थे। इसके साथ ही अन्य कलाकार सौरभ चौधरी, सुमन देवी, संगीता मिश्रा, पूनम सिन्हा,महिमा शंकर, सौम्या शंकर, शुभांगी चौहान, संगीता कुमारी,प्रियांशी राज, बबली कुमारी, काजल कुमारी, संगीता मिश्रा,सौरभ चौधरी आदि प्रमुख थे। देशभक्ति पर आधारित काव्य पाठ से सुनीता रंजन ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन रवि रंजन ने गायन गाकर किया।