- -आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों से जोड़ना सरकार का ऐतिहासिक फैसला : प्रो श्यामा राय
बिहारशरीफ I नालंदा कॉलेज के प्राचार्य Dr. Ramakrishna Paramhansa ने कहा है कि सामाजिक न्याय और प्रजातंत्र की सफलता के लिए प्रत्येक नागरिक को प्राथमिक शिक्षा सुलभ कराना आवश्यक है। Dr. Ramakrishna Paramhansa ने शनिवार को नालंदा कॉलेज शिक्षा संकाय (बीएड ) के तत्वावधान में जारी विशेष व्याख्यानमाला श्रृंखला की 8वी कड़ी में “प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण” विषय पर वेबिनार का उद्घाटन करते हुए शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
Dr. Ramakrishna Paramhansa ने कहा कि अशिक्षा का संबंध गरीबी से है और देश की प्रगति के लिए सबको शिक्षित होना आवश्यक है। पूर्व प्राचार्य प्रो श्यामा राय ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों को स्कूल से जोड़कर उन्हें पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने का बिहार सरकार का फैसला आने वाले दिनों में निर्णायक साबित होगा I
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अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराए जाने की अनुशंसा का स्वागत करते हुए कहा कि इसे सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है, जिसे हासिल करने के लिए सरकार को शिक्षकों व अभिभावकों के सहयोग की आवश्यकता होगी। डॉ कुमार ने कहा कि नागरिक अधिक से अधिक राष्ट्र और समाजोपयोगी हों, इसके लिए उन्हें नैतिक और मूल्य – आधारित शिक्षा उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता पिंकी कुमारी ( सहायक प्राध्यापक) ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी को समाज में उत्पादक के रूप में कार्य करने के लिए योग्य बनाना है न कि उपभोक्ता बना कर उन्हें रखना है।
दर्शनशास्त्र विभाग के डा प्रभास कुमार ने कहा कि तमाम कोशिशों के बाद भी दो करोड़ बच्चों का प्राथमिक विद्यालय से दूर रहना एक चुनौती बनी हुई है I
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ रत्नेश अमन ने प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण में अनौपचारिक और पाठ्येत्तर शिक्षा पर बल दिया ।
इस अवसर पर डॉ राजेश कुमार, डॉ रंजन कुमार, प्रशांत, अपर्णा कुमारी के अतिरिक्त सत्र 2019-21 की कुमारी ज्योति व स्मृति कुमारी और 2020 – 22 सत्र की वंशिका राज, साहिल सिंह टायरनी, कुमारी दीक्षा सिन्हा, सुरभि रस्तोगी, ज्योति लता, नंदिनी भारती, सुभाष कुमार व रविकांत राज ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमति कृति स्वराज और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री इशिता ने किया।