पूर्णिया, संवाददाता। Purnia Central Jail : पुरस्कार की खुशी और दंड के भय से सामाजिक नियंत्रण की नयी पृष्ठभूमि तैयार करने के पक्षधर लोग ही अनुकरणीय बनते हैं। सनातन संस्कृति के पक्षधर लोग यह मानते हैं कि जीवन में सभी को सुधरने का अवसर दिया जाना चाहिये। इन्हीं उम्मीदों के साथ बीस दिवसीय संगीत नाट्य-कला प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ कर पूर्णिया जेल प्रशासन ने कैदियों को नवजीवन दिया है। इस नेक कार्य का जिम्मा एनएसडी के हस्ताक्षर रहे रंगमंच के विशारद मिथिलेश राय व युवा रंगकर्मी शशि रंजन ने उठाया।
Read Also: बाढ़ के बेलछी पंचायत में केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का आगमन
Purnia Central Jail के अधीक्षक राजीव कुमार झा की पहल से ही यहां के पुरूष बंदी अनुशासन के साथ जीवन जीने की नयी कला से परिचित हो रहे हैं। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रशिक्षण की शुरूआत कर दी गई है। यह महसूस किया गया कि इस रंगमंचीय प्रशिक्षण के दौरान सभी बंदी अपने अतीत को भूलकर नयी शुरूआत की. भारत नाट्य कला केंद्र के अध्यक्ष मिथिलेश राय, युवा रंगकर्मी शशि रंजन, कारा उपाधीक्षक वीरेंद्र कुमार तथा अन्य पारखियों ने इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की है।
खासबात यह रही कि जब कभी एकल अभिनय की बारी आयी तो बंदियों के अधरों पर मुस्कान और अभिनय करने की क्षमता हिलोरे मारने लगी। जेल प्रशासन इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी बंदियों की रूचि को देख कर काफी खुश है।