Roti Bank Chhapra : रोटी बैंक का सपना कोई भूखा न सोए अपना की परिकल्पना के साथ ही आज 3 वर्षों का सफर तय किया रोटी बैंक छपरा ने।
छपरा, पंकज श्रीवास्तव। छपरा सारण रोटी बैंक (Roti Bank Chhapra) का सपना कोई भी भूखा ना सोए अपना । लगभग 3 साल पहले कुछ उत्साही युवाओं द्वारा गरीब और बेसहारा दिव्यांग जनों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक प्रयास शुरू किया गया और यह सभी युवक अपने-अपने घरों से एक एक दो दो रोटी लाकर पैक करके रात के समय रेलवे स्टेशन बस अड्डा और अन्य जगहों पर फुटपाथ पर सोए हुए लोगों को खाना उपलब्ध कराना शुरू किया और धीरे-धीरे इनके साथ लोगों का कारवां जुड़ता चला गया आज छपरा में एक रोटी बैंक ने अपनी स्थापना का तीसरा वर्षगांठ मनाया।
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इस अवसर पर स्वयंसेवी संस्थाओं,मीडिया कर्मियों और समाज के विशिष्ट वर्ग के लोगों के साथ बुद्धिजीवियों को भी रोटी बैंक के द्वारा सम्मानित किया गया। छपरा में रोटी बैंक के तीसरे वार्षिक उत्सव मैं जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर फारुख अली क़ी अध्यक्षता में पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ,जिसमें प्रसिद्ध शंख वादक पंडित विपिन मिश्रा ने अपने शंख और डमरु से भगवान शंकर और भगवान गणेश का आवाहन किया और एक अद्भुत कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जिसको वहां उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।
उसके बाद रोटी बैंक द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं, बुद्धिजीवियो, के साथ मीडिया कर्मियों को भी सम्मानित किया गया।इस अवसर पर रोटी बैंक छपरा के द्वारा एक दिव्यांग व्यक्तियों को एक तिपहिया वाहन भी उपलब्ध कराया गया। तिपहिया वाहन पाकर उस दिव्यांग व्यक्ति ने रोटी बैंक की खुलकर प्रशंसा की। गौरतलब है कि छपरा की एक संस्था लगातार प्रत्येक शाम गरीबों को भोजन उपलब्ध कराती है और यह काम 3 सालों से लगातार और नॉनस्टॉप चला आ रहा है।