राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की रहने वाली सरोज जैन ने अपने पति की स्मृति में दीदीजी फाउंडेशन की इकाई दीदीजी संस्कारशाला में मिशन महिला सशक्तीक...
बिहार

दीदीजी संस्कारशाला में सरोज जैन ने दी सिलाई मशीन

बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का काम संस्कारशाला में किया जा रहा है। संस्कारशाला में महिलाओं को तीन महीने तक सिलाई का प्रशिक्षण मुफ्त दिया जाता है। महिलाओं को स्वावलंबन के दृष्टिकोण से सिलाई के माध्यम से रोजगार प्रदान करने के लिए इस सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की गयी

पटना, संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की रहने वाली सरोज जैन ने अपने पति की स्मृति में दीदीजी फाउंडेशन की इकाई दीदीजी संस्कारशाला में मिशन महिला सशक्तीकरण में सहयोग करते हुए एक सिलाई मशीन उपलब्ध कराई है।

  खास बात है कि दीदीजी फाउंडेशन के कुरथौल स्थित फुलझड़ी गार्डन में संचालित संस्कारशाला में महिलाओं को नि.शुल्क सिलाई का प्रशिक्ष्ण दिया जाता है, जिससे वे आम्मनिर्भर बन सकें।

Read also- नट चेतना सम्मेलन में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनैतिक भागीदारी की मांग

 दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका समाजसेवी डा. नम्रता आनंद ने इस नेक पहल के लिये सरोज जैन और समाजसेविका नीना मोटानी का शुक्रिया अदा किया है। डा. नम्रता आनंद ने बताया कि नीना मोटानी हर पल नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने के लिये तत्पर रहती हैं। नीना मोटानी सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नीना मोटानी का मानना है जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के बाद उन्हें जो आत्मिक खुशी मिलती है, उसे बयां नहीं किया जा सकता है। अन्य सक्ष्म लोगों को भी नीना मोटानी के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

Read also- Success story: दीदीजी से पर्यावरण लेडी ऑफ बिहार बन गई डा.नम्रता आनंद

   समाजसेविका डा. नम्रता आनंद ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संस्कारशाला में कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है। बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का काम संस्कारशाला में किया जा रहा है। संस्कारशाला में महिलाओं को तीन महीने तक सिलाई का प्रशिक्षण मुफ्त दिया जाता है। महिलाओं को स्वावलंबन के दृष्टिकोण से सिलाई के माध्यम से रोजगार प्रदान करने के लिए इस सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की गयी उन्होंने बताया कि महिलाओं और युवतियों को सलवार, समीज, ब्लाउज, पेटीकोट, चूड़िदार सलवार, पैजामा, बेबी फ्राक समेत कई तरह की सिलाई का प्रशिक्षण यहां दिया जाता है।