- पटना एम्स ,ब्लड बैंक में 15 मई को प्लाज्मा डोनेशन और जागरूकता अभियान
- विशेष जानकारी मो. 94704 67893 पर मिलेगी
पटना, संवाददाता। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर हर रोज लाखों लोगों पर कहर बरपा रही है। इस समय अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड्स और दवाइयों आदि की आपूर्ति के बाद अब कोविड संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए “प्लाज्मा थेरेपी” की मांग हो रही है। देश में यही वजह है कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर लोग वॉट्सऐप के जरिए भी डोनर्स ढूढ़ते रहते हैं | एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में बड़ी संख्या में हर दिन कई मैसेजस आते हैं।पर प्लाज्मा डोनेशन के बारे में जागरूकता की कमी होने की वजह से डोनर मिलने में काफी परेशानी हो रही है और मिल भी नहीं रहा है |
इस को ध्यान में रख कर सोशल यूथ फोरम के सहयोग से पटना एम्स स्थित ब्लड बैंक में 15 मई 2021 सुबह 10 बजे से 4 बजे शाम तक एक विशेष प्लाज्मा डोनेशन जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया है |
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इस के लिए पटना एम्स,ब्लड बैंक की ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर Dr. Neha सिंह ने लोगों से अपील किया है कि, इस अभियान का हिस्सा बन कर, जरुरतमंद कोरोना से पीड़ित जीवन-मौत से संघर्ष कर रहे मरीजों की जान बचाने के लिए, लोगों को बढ़-चढ़ कर प्लाज्मा दान करना चाहिए।इसके लिए कोई भी एक योग्य एक व्यक्ति,एक बार प्लाज्मा डोनेट कर दो व्यक्ति को जान बचा कर अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस कर सकते है।वहीं इसके लिए डोनर को एक प्रमाण-पत्र भी दिया जाता है।इस को दिखा कर डोनर अपने परिवार या किसी भी व्यक्ति को एक यूनिट लाल रक्तकण दिला सकते हैं।साथ में डोनर को प्लाज्मा डोनेशन के लिए आने-जाने के लिए 500 रूपये सहयोग राशि के रूप में भी दिया जाता है।
Dr. Neha का कहना है कि एक व्यक्ति जो कोरोनोवायरस से पॉजिटिव होने के करीब 28 दिनों बाद कोरोनोवायरस से ठीक हो चुका है, वो प्लाज्मा दान कर सकता है।अगर वह व्यक्ति वैक्सीन ले चुके हैं,तो और भी अच्छा है।खास बात यह भी कि प्लाजमा डोनेट के बाद इसका कंसन्ट्रेशन और भी बढ़ जाता है और शारीरिक कमजोरी भी नहीं रहता है।अभी तक पटना ब्लड बैंक में करीब 750 लोग प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं।
इसमें 18 से 65 साल वाले व्यक्ति, जिस का एंटीबॉडी कम से कम 6 है | सुगर रोग से पीड़ित व्यक्ति भी जो दवा खा रहे हैं दे सकते,लेकिन जो इन्सुलिन थेरेपी ले रहे हैं तो वह व्यक्ति नहीं दे सकते हैं।वैसी महिलाएं जो कभी भी पूर्ण रूप से गर्भधारण किया हो,योग्य नहीं है |
Dr. Neha ने कहा कि पटना एम्स ,ब्लड बैंक में 15 मई को आयोजित प्लाज्मा डोनेशन के लिए सब से पहले डोनर का ब्लड सैम्पल ले कर इस की पूरी तरह से जांच किया जायेगा | येसे व्यक्ति का ब्लड सैम्पल लेकर ,वायरल कारक एचआईबी हेपोटेपेटाईतिस बी सी,मलेरिया,सिफलिस,कम्पलिट हिमोग्राम आदि की जाँच किया जाता है | इस जांच में जिस व्यक्ति का डोनेशन के लिए उपयुक्त पाया जायेगा ,उन्हें 16 मई को फिर से प्लाज्मा डोनेट के लिए बुलाया जायेगा | इस में करीब 45 मिनट का समय लगता है | प्लाज्मा डोनेट के बाद सिर्फ 42 घंटे में डोनर के शरीर में फिर से प्लाज्मा विकसित हो जाता है | इस अवधि के रूप में, रिकवर्ड वायरस वाले व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित हो जाते हैं |इस में जो भी लोग शामिल होंगे ,प्लाज्मा डोनेशन से लेकर रोगी और डोनर को होने बाले फायदे आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी |
Dr. Neha ने कहा कि इस समय सब से बड़ा सवाल लोगों के मन में यह है कि प्लाज्मा कौन डोनेट कर सकता है ,इस से कोरोना पीडत लोगों को क्या फायदा होगा | डोनेट करने वालों को किसी तरह की परेशानी तो नहीं होगी | डॉ.नेहा ने कहा येसे तो ब्लड और प्लाज्मा डोनेशन जीवन में ,मानवता के लिए सब से बड़ा निःस्वार्थ दान है | प्लाज्मा डोनेशन से जुड़ी विशेष जानकारी मोबाईल नंबर 94704 67893 पर भी ले सकते हैं |
Dr. Neha ने बताया कि पटना एम्स बिहार सेंटर ऑफ एक्सलेंस के तौर पर स्थापित है | जहाँ न सिर्फ कोरोना मरीजों का ईलाज किया जा रहा है,बल्कि यह बिहार में प्लाज्मा डोनेशन का प्राईम सेंटर भी है | यहाँ प्लाज्मा डोनेशन के लिए अधुनिक मशीन भी उपलब्ध है ,जो डोनर के शरीर से सुरक्षित और बिना कोई नुकशान के प्लाज्मा निकालता है | इस में डोनर को किसी तरह की परेशानी बिलकुल नहीं होती है |