पटना, संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर के पहाड़ी क्षेत्र में हुई अगलगी की घटना का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में वैभारगिरि पर्वत के कुछ हिस्सों में पिछले दिनों हुई अगलगी की घटना को लेकर समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वैभारगिरि पर्वत के अलग-अलग हिस्सों में हुई अगलगी की घटनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अपने प्रस्तुतीकरण में जिलाधिकारी ने वर्तमान वर्ष में राजगीर के वन क्षेत्र में हुई अगलगी की अन्य घटनाओं एवं उसे बुझाने के लिए की गई कार्रवाई, वन क्षेत्रों में निगरानी, पर्वतीय एवं वन क्षेत्रों को सुरक्षित रखने हेतु की गई तैयारी, हायड्रेट की व्यवस्था, चिन्हित किये गए महत्वपूर्ण स्थल, नया हायड्रेट लगाए जाने का प्रस्ताव, चिन्हित किये गए संवेदनशील 22 गांव, चिन्हित गावों में जनसमूह का प्रशिक्षण, पर्यटकों हेतु मार्गदर्शिका, कंट्रोल रूम, ड्रोन के माध्यम से निगरानी आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बैठक में अग्निशमन सेवायें की डीजी शोभा अहोतकर एवं नालंदा के जिला वन पदाधिकारी विकास अहलावत ने वैभारगिरि पर्वत पर अलग-अलग हिस्सों में हुई अगलगी की घटनाओं एवं की गई कार्रवाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगलगी की घटना काफी दुखद है। हम आज आकर इसे देखे हैं। बचपन से हम यहां आते रहे हैं। वर्ष 2009 में हमने यहां सात दिनों तक रहकर एक-एक चीज को कर देखा था और उसके बाद हर जरूरी काम करने का तय किया गया ताकि यहां के पर्वतीय क्षेत्र को हरा-भरा बनाया जा सके। इसके लिए यहां के पर्वतों पर हेलीकॉप्टर से बीज का छिड़काव कराया गया। पहले ऊपर से एकदम सूखा दिखता था। एक तरफ थोड़ा ठीक था लेकिन दूसरी तरफ पर्वत बिल्कुल सूखा दिखाई पड़ता था। इस प्रकार अगलगी की घटना यहां हमने पहले कभी नहीं सुनी थी। आग लगने की जानकारी मिलने पर मुझे काफी तकलीफ हुई है।
उन्होंने कहा कि राजगीर देश ही नहीं दुनिया का पौराणिक स्थल है। यहां विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। इस प्रकार की घटना से सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के पर्वत आयुर्वेदिक दवाइयों एवं जड़ी बूटियों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। अपने पिताजी के साथ बचपन से हम यहां जड़ी-बूटियों के लिए आया करते थे। पर्यटन को बढ़ावा देने एवं पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए यहां कई काम किये गए हैं।
इसे भी पढ़ें – लोकसभा चुनाव-2024 और ज्योतिषीय विश्लेषण,जानें किसे क्या मिल सकता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगलगी का क्या कारण है, इसकी वास्तविकता का पता लगाएं। यहां के पर्वत के ऊपर विभिन्न धर्मों का मंदिर है और कई तरह के लोग भी रहते हैं। ऊपर रहनेवाले पर्यटकों पर विशेष नजर रखें। इसके लिए यहां तैनात लोगों को अलर्ट रखें।
इसे भी पढ़ें- सामयिक परिवेश तमिलनाडु का गूगल मीट पर ऑनलाईन काव्य गोष्ठी संपन्न
राजगीर के पहाड़ी क्षेत्र में अगलगी से जो क्षति पहुँची है. उसे ठीक कराने की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें। इस प्रकार की घटना दुबारा घटित न हो, इसकी विशेष रूप से निगरानी रखें। अगलगी की घटना पर रोक लगाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएं। आवश्यकतानुसार यदि कर्मियों की नियुक्ति करनी हो या सामग्री खरीद की जरूरत हो तो तत्काल इसका प्रस्ताव भेजकर पुख्ता तैयारी रखें एवं हर जरूरी कदम उठाएं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां हर प्रकार से काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्वत के ऊपर का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार के अधीन है। आज कल केंद्र द्वारा कहीं कुछ नहीं किया जा रहा है। उस हिस्से को भी हमलोगों को अपनी तरफ से ही सुरक्षित रखना होगा। तत्काल जो भी जरूरतें हैं उस दिशा में निर्णय लें। उससे संबंधित प्रस्ताव दें। सरकार उसे पूर्ण करेगी।