पटना,विश्वमोहन चौधरी”सन्त”। नाटक “मरणोपरांत” का हुआ मंचन। 8 अक्टूबर 2023 की शाम पटना के कालिदास रंगालय में स्थानीय रंग संस्था विश्वा ने नाटक “मरणोपरांत” का मंचन किया। “मरणोपरांत नाटक एक आत्मिक और मानसिक संघर्ष की गहरी दुनिया में जाती है । यह कहानी एक पति और उसकी पत्नी के प्रेमी के मानसिक संघर्ष पर आधारित है, जब उसकी पत्नी की मौत एक दुर्घटना से हो जाता है। नाटक के लेखक थे सुरेंद्र वर्मा एवं निर्देशन राजेश नाथ राम ने किया था।
यह नाटक प्रेम, विश्वास, और आत्मविश्वास के संघर्ष को दर्शाता है, इसमें पति का दर्द और पत्नी के प्रेमी का आत्म-संघर्ष जीवंत होता दिखता है।
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मरणोपरांत एक व्यक्तिगत मानसिक यात्रा का परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है, जो हमें आपसी संबंधों और आत्म-समझौते के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने की कोशिश करता है।
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इस नाटक में आदिल रशीद, रंगोली पांडे एवं राजेश राजा अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सफल रहे। मंच से परे प्रकाश परिकल्पना राजीव राय, पार्श्व ध्वनि संयोजन राहुल कुमार ने भी प्रभावित किया। परिकल्पना एवं चित्रकरण हरिशंकर रवि कर रहे थे। रूप सज्जा तनु हाशमी एवं सुश्री विश्वास का था। वस्त्र विन्यास दीपक कुमार एवं अभिषेक मेहता ने किया था।
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विश्वा (वाइटल इन्वेंशन ऑफ सोशल हारमोनी विद आर्ट्स) युवा रंगकर्मियों, लेखकों, रंगशिल्पियों, संगीतकारों और चित्रकारों का एक समूह है। विश्वा का उद्देश्य तेज़ी से बदलते सामाजिक- सांस्कृतिक परिदृश्य में कला विधाओं एवं रचनाशीलता को लेकर काम करने वाले कलाकारों को एक मंच पर लाना है, ताकि उनके समेकित प्रयासों से हमारे आधुनिक किन्तु तनावग्रस्त समाज में एक बदलावकारी हस्तक्षेप संभव हो सके।
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