ग्लोबल कायस्थ कॉनफ्रेंस (जीकेसी) के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने का अवसर मिला। आयोजन स्थल पर कायस्थ समाज की महान विभूतियों के...
बिहार

शानदार रहा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का अनुभव

भारत में पर्यटन के लिहाज से राजस्थान का महत्वपूर्ण स्थान हैं। राजस्थान को वीर यौद्धाओं की रणभूमि कहा जाता हैं, यहाँ के सुनहरे गौरवशाली इतिहास को यहाँ के प्राचीन स्थल किले एवं महल आज भी सबूत के रूप में मौजूद हैं । राजस्थान के ‘कश्मीर’ यानी उदयपुर जिले में आयोजित किया गया विश्वस्तरीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन। इस अधिवेशन से लौटकर डा. नम्रता आनंद ने अपने अनुभव xposenow.com के साथ शेयर किया। यहां प्रस्तुत है डा. नम्रता आनंद की कलम से उनके अनुभव-

ग्लोबल कायस्थ कॉनफ्रेंस (जीकेसी) के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने का अवसर मिला। आयोजन स्थल पर कायस्थ समाज की महान विभूतियों के कट आउट और र्होडिंग देख मन प्रफुलित हो उठा। कायस्थ समाज में जन्म लिये मुंशी प्रेमचंद, सुभाषचंद्र बोस,स्वामी विवेकानंद,राजेंद्र प्रसाद लाल बहादुर शास्त्री, बाला साहब ठाकरे, महादेवी वर्मा, नूतन समेत कायस्थ समाज की कई विभूतियों के बारे में जानने का अवसर मिला।

ग्लोबल कायस्थ कॉनफ्रेंस (जीकेसी) के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने संगठन में 51 फीसदी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज किसी राजनैतिक संगठन का पिछलग्गू न होकर अपना वजूद, अपना झंडा और अपना स्वरूप तय कर चुका है । राजस्थान वीरों की धरती है, यहां से मुख्यमंत्री के रूप में माणिक के लाल वर्मा, शिवचरण माथुर, मुंख्यमंत्री के रूप में अपना योगदान दे चुके हैं। ये सभी कायस्थ समाज के ही थे, जिस संविधान में डॉ. राजेंद्र प्रसाद और संपूर्णानंद सहित समाज के बड़े नेताओं का योगदान रहा है। इसी विरासत को आज आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रथम दिन सांध्य सत्र में जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें देश भर से आये जीकेसी के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति देकर माहौल को संगीतमय बना दिया।

  जीकेसी राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसद ने कहा कि कायस्थ समाज के महापुरुषों ने सदैव राष्ट्र को मजबूत किया है। अगले कुछ समय में कायस्थ नेताओं के 1000 से अधिक लोगो को तैयार करना है। आगामी 2023-24 तक सत्ता  द्वारा की जा रही कायस्थ समाज की उपेक्षा की कुंभकर्णी नींद तोड़ दिया जायेगा। कायस्थ समाज सदैव से राष्ट्रवादी रहा है। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज के महापुरुष जय प्रकाश सहित अन्य महापुरुषों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देनी होगी।

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राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन जीकेसी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी, जिसमें बड़ी संख्या में जीकेसियन ने अपनी भागीदारी दिखाई। हाथों में जीकेसी का झंडा लिए शोभा यात्रा में शामिल लोगों के जयघोष से वातावरण गुंजायमान होता रहा। जीकेसी के जयकारे के साथ जीकेसियन में नवऊर्जा का संचार का अनुभव होने लगा। शोभायात्रा के दौरान कायस्थ समाज के महापुरूषो के होर्डिंग, कटआउट और बैनर लगाये गये थे, जो शोभायात्रा की भव्यता को और बढ़ा रही थी। शोभायात्रा में जीकेसियन का शौर्य रूप देखने को मिला। भव्य शोभा यात्रा में जीकेसियन ने उत्साह के साथ भाग लिया।

जीकेसी के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन की अपार सफलता के लिये जीकेसी राजस्थान की टीम को बधाई एवं शुभकामना। जय चित्रगुप्त। 

(लेखिका ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ के राष्टीय प्रभारी हैं । बिहार प्रदेश के प्रथम अध्यक्ष भी रही हैं।)

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.