आज 110 वर्ष का हुआ अपना बिहार भारत के मानचित्र पर बिहार प्रान्त का स्वतंत्र अस्तित्व 1 अप्रैल 1912 को आया था और बिहार बंगाल प्रेसिडेंसी से ...
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आज 22 मार्च 2022 को 110 वर्ष का हुआ अपना बिहार

आज 110 वर्ष का हुआ अपना बिहार भारत के मानचित्र पर बिहार प्रान्त का स्वतंत्र अस्तित्व 1 अप्रैल 1912 को आया था और बिहार बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना था।

 खास बात है कि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार, उड़ीसा और छोटनागपुर को बंगाल से अलग करने की घोषणा 12 दिसम्बर, 1911 को की गई थी, जिसकी अधिसूचना 22 मार्च, 1912 को निकाली गई थी, इसलिए बिहार दिवस प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। इस तरह  इस वर्ष बिहार 110 साल का होगा।

  इतिहास बताता है कि पलासी के युद्ध से पूर्व बिहार एक अलग सूबा हुआ करता था, परन्तु बक्सर की लड़ाई के बाद बंगाल, बिहार और उड़िसा ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथ में चले जाने के कारण बिहार के सूबा होने का अस्तित्व समाप्त हो गया और वर्ष 1886 में बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बन गया और यह हिस्सा वर्ष 1905 तक बना रहा।

 बिहार जबतक प्रेसीडेंसी का हिस्सा रहा तबतक बिहार को लोअर बंगाल कहा जाता था। वर्ष 1905 में बंगाल प्रेसीडेंसी से पूर्वी बंगाल को अलग कर दिया गया और वर्ष 1912 में बंगाल से बिहार अलग होकर उड़िसा के साथ अलग प्रान्त बना। 1 अप्रैल 1936 को उड़िसा से अलग होकर बिहार और वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर नया राज्य झारखण्ड बना।

 वेदों, पुराणों, महाकाव्यों में बिहार का प्राचीन नाम  “बौद्ध बिहार” का उल्लेख है। सर्वविदित है कि बिहार का केन्द्र बिन्दु प्राचीनकाल से सामाजिक, राजनीतिक तथा उत्थान का रहा है। बिहार की भूमि चन्द्रगुप्त, अशोक, शेरशाह जैसे लोगों की जन्म एवं कर्म स्थली और गौतमबुद्ध, वर्धमान महावीर की ज्ञान स्थली रहा है। वहीं बिहार की भूमि का गाथा महात्मा गाँधी, जयप्रकाश नारायण, चाणक्य, आर्यभट्ट, समुद्रगुप्त, विद्यापति, गुरु गोबिंद सिंह, बाबू कुंवर सिंह, सच्चिदानन्द सिन्हा, ब्रजकिशोर प्रसाद, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरुल हक जैसे महापुरुषों से जुड़ा है।

 बिहार समृद्ध इतिहास से भरा-पूरा एक अनूठा राज्य है। माना जाता है कि बिहार शब्द की उत्पत्ति बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुई है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड है। वर्तमान में बिहार की राजधानी पटना गंगा नदी के तट पर स्थित है। विश्व में बिहार मखानों और मधुबनी चित्रकारी के लिए मशहूर है।

 धार्मिक ग्रथों के अनुसार, भगवान राम की पत्नी सीता बिहार की राजकुमारी थीं। वह विदेह, वर्तमान में उत्तर-मध्य बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधुबनी और दरभंगा के राजा जनक की बेटी थी। किंवदंतियों के अनुसार सीता का जन्म स्थान पुनाउरा है, जो सीतामढ़ी शहर के पश्चिम में स्थित है। हिंदू महाकाव्य रामायण, के लेखक महर्षि वाल्मीकि के बारे में भी कहा गया है कि वे पश्चिम चंपारण जिले के एक छोटे से शहर वाल्मीकि नगर में रहते थे।

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 भारत के स्वतंत्रता संग्राम में 1857 के भारतीय विद्रोह का नेतृत्व बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने किया था। उस समय उनकी उम्र लगभग अस्सी साल थी और उनका स्वास्थ्य भी कमजोर था, लेकिन उन्होंने लगभग एक वर्ष तक एक अच्छी लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सेना को परेशान किया तथा अंत तक अजेय रहे। वे छापामार युद्ध की कला के विशेषज्ञ थे। उनकी रणनीति ने ब्रिटिशों को नाको चने चबा दिये थे। ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर ईसा से लगभग छठी सदी पहले विश्व का पहला गणराज्य बनने का गौरव भी बिहार के वैशाली को ही पेराप्त है। वैशाली नगर वज्जी महाजनपद की राजधानी थी।

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 पुरानी बस्ती चिरांद गाँव, जो बिहार की सारण में है वो करीबन 2500 वर्ष पूर्व की है। बिहार से नूर उल अनवर उर्दू समाचार पत्र का सर्वप्रथम प्रकाशन वर्ष 1853 में आरा से बिहार बंधु हिन्दी समाचार का प्रकाशन सर्वप्रथम बिहारशरीफ से बाद में वर्ष 1872 में आरा से तथा बिहार हेराल्ड अंग्रेजी समाचार पत्र का प्रकाशन वर्ष 1874 में पटना से शुरू हुआ था।

बिहार राज्य का चिन्ह वृक्ष पीपल, पुष्प गेंदा, पशु बैल और पंछी गोरैया है। बिहार में प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को  गोरैया दिवस मनाया जाता है।  

जितेंद्र कुमार सिन्हा
जितेन्द्र कुमार सिन्हा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.