यूनिसेफ (UNICEF Bihar) ने 14-20 नवंबर के दौरान बाल अधिकारों के समर्थन में #GoBlue और #KidsTakeOver का आह्वान किया
UNICEF Bihar : बाल दिवस के अवसर पर यूनिसेफ बिहार के प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने कहा कि मैं हर लड़की और लड़के को शुभकामनाएं देती हूं। चूंकि बच्चे और किशोर-किशोरी राज्य की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत हैं, इसलिए उनके अधिकारों की रक्षा करना एवं बढ़ावा देना नितांत आवश्यक है। कोविड-19 महामारी की वजह राज्य भर में लंबे समय तक स्कूल बंद रहे हैं जिससे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। शिक्षा के अलावा उन्हें और भी बहुत कुछ खोना पड़ा है। दोस्तों के साथ खेलकूद के साथ-साथ उन्हें पौष्टिक मध्याहन भोजन से भी वंचित रहना पड़ा है। इसके अलावा उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ा है और बाल विवाह, दुर्व्यवहार और हिंसा के मामले में भी वृद्धि देखी गई है। राज्य सरकार ने बच्चों की चिंताओं को दूर करने के लिए कई पहल शुरू की हैं और यूनिसेफ सरकारी प्रयासों का समर्थन करने के लिए हमेशा तत्पर है। यह परिवार और समाज सहित सभी हितधारकों के लिए एक साथ आने और बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने के लिए एक उपयुक्त क्षण है।
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विश्व बाल दिवस पर यानी 20 नवंबर को बाल अधिकार महासंधि (सीआरसी) को अंगीकार किए जाने के 32 साल पूरे होने का दुनिया भर में जश्न मनाया जाना है. इसके मद्देनज़र 14 नवंबर से 20 नवंबर तक बाल अधिकार सप्ताह के दौरान यूनिसेफ ने बच्चों के मुद्दों और चिंताओं को बख़ूबी उजागर करने के लिए ऑनलाइन सहित बहुत सारी गतिविधियों की योजना बनाई है।
14-20 नवंबर: बाल दरबार
समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार और यूनिसेफ़ द्वारा सहयोगी संगठनों के सहयोग से 29 जिलों में बाल दरबार के नाम से अपनी तरह की एक पहल का आयोजन किया जा रहा है।
बाल दरबार परामर्श प्रक्रिया के तहत सीसीआई (बाल देखभाल संस्थान) के बच्चे-बच्चियों सहित विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमि के 30-40 बच्चे और किशोर-किशोरी जिला मुख्यालय में विभिन्न मुद्दों, और सरोकारों पर विचार-मंथन करेंगे। फिर, बच्चों द्वारा चुने गए 7-8 बच्चों का एक प्रतिनिधिमंडल स्वयं द्वारा तैयार की गई मांगों और सुझावों की सूची के साथ संबंधित जिलाधिकारियों/प्रमुख अधिकारियों/जन प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा।
जिला स्तरीय परामर्श के बाद प्रत्येक जिले से 19 नवंबर को होने वाले राज्य स्तरीय बाल दरबार हेतु एक लड़का या लड़की का चयन किया जाएगा।
जिलों से प्राप्त सुझावों और मांगों को मिलकर तैयार चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस पर बच्चों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा समाज कल्याण विभाग और अन्य संबद्ध विभागों के मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
17 नवंबर: बाल अधिकार यात्रा
इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीम बच्चों को पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के दौरान पढ़ाई-लिखाई को लेकर अनुभव की गई रुकावटों और सीखने के नुकसान से उबरने में मदद करना है। इस संदर्भ में, प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा की पुनर्कल्पना पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा एक रैली का आयोजन किया जाएगा।
18 नवंबर: यूनिसेफ़ बिहार राज्य प्रमुख की भूमिका में बच्चे
18 नवंबर को बच्चों का एक दल यूनिसेफ बिहार कार्यालय का दौरा करेगा और यूनिसेफ बिहार की राज्य प्रमुख की भूमिका संभालेंगे। यूनिसेफ बच्चों की बेहतरी के लिए, ख़ासकर कोविड काल में और क्या कर सकता है, वे इस बारे में भी सुझाव देंगे।
नीला रंग बाल अधिकारों का द्योतक है। इस संदर्भ में, यूनिसेफ 19-20 नवंबर को नागरिकों, स्कूलों और सरकारी संस्थानों से गो ब्लू की अपील करता है। घरों और इमारतों को नीली रौशनी या नीले गुब्बारों से सजाकर बाल अधिकारों के राष्ट्रव्यापी उत्सव में शामिल हुआ जा सकता है। विशेष रूप से, समाज कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग ने राज्य भर के सभी स्कूलों और बाल/बालिका गृहों में गो ब्लू के तहत विभिन्न गतिविधियों के ज़रिए बाल अधिकार सप्ताह मनाने के लिए पत्र जारी किए हैं।
यूनिसेफ द्वारा स्कूलों, सरकारी व अन्य संस्थानों से भी आह्वान किया गया कि वे 14-20 नवंबर के दौरान किड्स टेकओवर के तहत बच्चों को अपनी आवाज उठाने और सुझाव देने के लिए प्रधानाध्यापक, सरकारी विभागों के प्रमुख, पुलिस थानों के एसएचओ आदि की भूमिका निभाने की अनुमति दें। इस प्रक्रिया से अधिकारियों और नीति निर्माताओं में बच्चों के मुद्दों और चिंताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए जागरूकता पैदा करने के अलावा बच्चों में आत्मविश्वास का भी संचार होगा।