Virtual trial room
बिहार

कोरोना काल में युवाओं को आकर्षित कर रहा है Virtual trial room


पटना,(जितेन्द्र कुमार सिन्हा)। आईटी इनोवेशन के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तर्ज पर अर्गुमेंटेड रिएलिटी (Argumented reality) का प्रयोग किया जा रहा है। अर्गुमेंटेड रिएलिटी द्वारा आसपास के वातावरण के साथ एक अतिरिक्त आभासी दुनिया को जोड़कर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है। यानि अपने ही दुनिया में रख कर यह तकनीक एडवांस बना देता है। उदाहरण के रूप में यह समझा जा सकता है कि मोबाईल कैमरा से अपने फोटो में बाल, दाढ़ी, मुछ आदि बना सकते हैं। लेकिन आईटी इनोवेशन में दिन प्रतिदिन हो रहे अनुसंधान के क्रम में Argumented reality के स्थान पर अब वर्चुअल ट्रायल रूम के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।
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आईटी इनोवेशन क्षेत्र में काम कर रहे पटना के सम्यक पाठक ने बताया कि वर्तमान समय में सबसे ज्यादा परिवर्तन होने वाले क्षेत्रों में से एक है इनोवेशन। अर्गुमेंटेड रिएलिटी के स्थान पर Virtual trial room ज़्यादा कारगर हो रहा है।
Virtual trial room के तहत जब किसी शोरूम, मॉल में मनपसंद कपड़ों की ख़रीद करने जाते हैं और मनपसंद कपड़ों का चुनाव कर, अपने शरीर पर उसका फिटनेस, कलर आदि देखते हैं। इसके लिए इसमें मनपसंद कपड़ा को पहनकर देखते हैं। लेकिन अब मनपसंद कपड़ा को पहन कर नहीं देखना है। बल्कि केवल “राईट हैंड अप” यानि दायां हाथ उठाने पर स्क्रीन पर पूरा कपड़े के साथ बॉडी दिखाई देगा। जिससे बिना कपड़ा उतारे ही कई कपड़ों को देख कर मनपसंद कपड़ों का चुनाव किया जा सकता हैं।
सभ्यक पाठक ने बताया कि आईटी के क्षेत्र में स्टूडेंट्स बीटेक/सीएस, बीसीए, एमसीए, पीएचडी आदि करके बड़े बड़े कंपनी में नौकरी करते हैं। कॉरोना काल में भी कोरोना का प्रभाव आईटी क्षेत्र पर ज्यादा नहीं पड़ा है और लोग अपने अपने घर (वर्क फ्रॉम होम) से काम कर रहे हैं। लेकिन इनमें से कुछ आईटी उद्यमी, स्वयं के लिए तथा दूसरों के लिए भी, रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।
सम्यक पाठक भी बीटेक करने के बाद, स्वरोजगार/आत्म निर्भर भारत को, सशक्त बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। कई तरह के इनोवेटिव आइडिया लेकर मार्केट में आते रहते हैं और एक ही वेबसाइट से सभी तरह का सॉफ्टवेयर खरीदने का अवसर देते हैं। सम्यक पाठक का कहना है कि अर्गुमेंटेड रिएलिटी का एडवांस फॉर्म हो गया है वर्चुअल ट्रायल रूम। इसका ट्रायल ज्वेलरी, शूज़ आदि पर सबसे पहले वर्चुअल ट्रायल रूम के तौर पर किया गया जो सफल रहा।

सम्यक बताते हैं कि वर्चुअल ट्रायल रूम के माध्यम से एक साथ कई कपड़ों को ट्रायल कर देख सकते हैं और मनपसंद कपड़ों का चुनाव कर सकते हैं। पाठक ने यह भी बताया कि वर्चुअल ट्रायल रूम के लिए कपड़ों का अलग से लिस्टिंग किया जाता है तथा उसकी कोडिंग को कनेक्ट कर दिया जाता है। पसंदीदा एवं आरामदेह के लिए वर्चुअल ट्रायल रूम में 180 डिग्री तक की फ्लेक्सिबिलिटी होती है जिसे 360 डिग्री तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी एवं कास्टिंग के लिए एक शो रूम में एक किनेट कैमरा, दो डीवाइस, स्क्रीन आदि सेटअप किया जाता है, जिस पर करीब डेढ़ से दो लाख का खर्च आता है। कई शहरों में इस तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें गुड़गांव, कर्नाटका, मुंबई, पुणे आदि शहर प्रमुख है।
कोरोना संक्रमन काल में जहां सोसल डिस्टेंस, किसी चीज को छुने से बचकर रहना है, वहां वर्चुअल ट्रायल रूमलोगों के लिए फायदेमंद और उपयुक्त प्रतीत हो रहा है। युवाओं को वर्चुअल ट्रायल रूम ज्यादा आकर्षित कर रहा है

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.