सहकारी संस्थाएँ,अवसर और चुनौतियाँ विषय पर वेबिनार। विकास प्रबंधन संस्थान, पटना (डीएमआई) 23-24 अक्टूबर 2021 को अपने ट्रांजिट परिसर उद्योग भ...
बिहार

वेबिनार : “पूर्वी भारत में सहकारी संस्थाएँ,अवसर और चुनौतियाँ”

सहकारी संस्थाएँ,अवसर और चुनौतियाँ विषय पर वेबिनार । पटना,संवाददाता। विकास प्रबंधन संस्थान, पटना (डीएमआई) 23-24 अक्टूबर 2021 को अपने ट्रांजिट परिसर उद्योग भवन में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी समारोह मना रहा है। आज वेबिनार के दूसरा और आखिरी दिन था। 

कार्यक्रम के पहले वक्ता के रूप में डॉ.एन सरवाना कुमार, आईएएस, सचिव, कृषि विभाग, बिहार सरकार ने बिहार के संबंध में किसान उत्पादक संगठनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक प्रस्तुति दी। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में हरित, श्वेत और नीली क्रांति की भूमिका को बताया। उन्होंने कहा कि कृषि सबसे जोखिम भरा पेशा है और इसलिए इन जोखिमों से निपटने के लिए किसानों को तैयार रहने और करने की जरूरत हैं ।

 उन्होंने बताया कि बिहार में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है, इसलिए कृषि को लाभदायक बनाने के लिए उत्पादन प्रणाली की स्थिरता, फसल के बाद के नुकसान को कम करने, कृषि में संस्थागत निर्माण करने, कृषि के लिए उपयोग में लाए जाने वाले संसाधनों का अनुकूलन, जल प्रबंधन, कृषि ऋण प्रवाह को आसान बनाने, कृषि का आधुनिकीकरण तथा किसानों की बाजार तक पहुंच को सुनिश्चित करना होगा।

उन्होंने पूर्वी भारत में विशेष रूप से बिहार में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के महत्व को समझते हुए बताया की अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर कंपनी प्रा. लिमिटेड, पूर्णिया और डुमराव प्रोड्यूसर्स कंपनी प्रा. लिमिटेड, बक्सर बिहार में सफल सहकारी संस्थाओ के उदाहरण हैं। एफपीओ द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख बाधाएँ योग्य पेशेवर कर्मचारी को रखने की सामर्थ्य, सदस्यों के स्वामित्व की कम भावना और वैधानिक नियमों का पालन ना करना हैं।

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बिहार में कृषि को विकसित करने के लिए राज्य सरकार नीति निर्माण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, कृषि के लिए बिजली की उपलब्धता, बेहतर खाद्यान्न भंडारण क्षमता, कृषि मशीनरी के कस्टम हायरिंग सेंटर के प्रावधान, जैविक कॉरिडोर योजना का निर्माण, उन्नत किस्म के बीज की उपलब्धता आदि पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कृषि विभाग किसानो के उत्पाद की बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से बाजार के विकास पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं। किसान उत्पादक संगठनों के समग्र विकास के लिए सरकार बिहार-लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ पर काम कर रही है।

डॉ. सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, पटना ने भारत में और विशेष रूप से बिहार में सहकारी बैंकों तथा  प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) पर अपने विचार साझा किये।

   उन्होंने बिहार में सहकारी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों को बताया। उन्होंने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के महत्व पर जोर दिया और कहा की इनके किसानों के सबसे नजदीक होने के कारण इन्हें किसानों की गतिविधियों में एक व्यवसाय विकास इकाई के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पैक्स एनपीए के जोखिम को कम करने के लिए ऋण पोर्टफोलियो में विविधता लाने के बारे में सोच सकते हैं। कार्यक्रम का समापन DMI के प्रो. देबाशीष कुंडू, एसोसिएट प्रोफेसर, के धन्यवाद् ज्ञापन के साथ हुआ।  

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.