रोटरी चाणक्या के सहयोग से दीदीजी फाउंडेशन ने शुरु किया कुटीर उद्योग के लिए प्रशिक्षण। जरूरतमंदों की मदद कर पर्यावरण संरक्षण के लिए के क्ष...
बिहार

महिलाएं कुटीर उद्योग अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं : डा. नम्रता आनंद

रोटरी चाणक्या के सहयोग से दीदीजी फाउंडेशन ने शुरु किया कुटीर उद्योग के लिए प्रशिक्षण। पटना, संवाददाता। जरूरतमंदों की मदद कर पर्यावरण संरक्षण के लिए के क्षेत्र में लगातार काम रही पटना की संस्था दीदीजी फाउंडेशन अब स्वरोजगार विकसित करने में जुट गई है। इसी क्रम में अलग अलग क्षेत्रके रोजगार से संभंधित स्किल ग्रामीण महिलाओं में डेवलप करने में जुट गई है। आज भी पटना के कुरथौल स्थित संस्था प्रांगण में रोटरी चाणक्या की मदद से पापड़ बनाने का विधिवत प्रशिक्षण दिया गया।

   इसके पहले से दीदी जी फाउंडेशन ने सिलाई-कटाई और बुनाई का प्रशिक्षण दे रही है। साथ ही गीत संगीत और पेंटिंग से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी समय समय पर आयोजित करती रहती रहती है।
 आज स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम में बच्चियों और महिलाओं को पापड़ और चिप्स बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। दर्जनों स्थानीय महिलाओं ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और पापड़ और चिप्स बनाने का गुड़ सीखा।  

 मौके पर रोटरी चाणक्या क्लब की अध्यक्ष अर्चना जैन ने कहा कि हम जन कल्याण का काम लगातार करते रहें हैं। महिला सशक्ति करण भी सदा से हमारी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब रसोईघर तक ही सीमटी नहीं हैं। वे घर में खाली नहीं बैठना चाहती हैं। वो रोजगार से जुड़ना चाहती हैं। ऐसे में ग्रामीण महिलाओं कुटीर उद्योग बेहतर साधन हैं खुद को व्यस्त रखने और कुछ कमाई  करने के लिए। इसलिए हमने ये कोशिश की है।

    रोटरी चाणक्या के सचिव अभिषेक अपूर्व ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए समय समय पर इस तरह के और आयोजन किये जाएंगे जिससे और भी महिलाओं को मौका मिल सकेगा।

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      इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने का कि राष्ट्रपिता गांधीजी ने महिलाओं उत्थान के लिए उन्हें रचनात्मक कार्यक्रमों में शामिल किया था। महिलाओं को सूत कातने, चरखा चलाने और कुटीर उद्योगों से जोड़ने की बात वो कहा करते थे। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों सकें और देश की प्रगति में भागीदार बन सकें। डा. नम्रता आनंद ने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए इस तरह के मंच बहुत जरूरी हैं।हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे। सच तो ये है कि महिलाएं कुटीर उद्योग अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

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   इस अवसर पर डा. अर्चना जैन, डा. नम्रता आनंद, अनुराधा सराफ, सरोज टोडी, वर्षा झुनझुनवाला, अभिषेक अपूर्व, आशीष बंका, संदीप चौधरी, नीना मोटानी सहित ढेर सारी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थीं।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.