निर्देशक रंजन सिंह पटना जैसे शहर से मुंबई आकर फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में कामयाबी की एक नई इबारत लिख रहे हैं। निर्देशन के क्षेत्र में उ...
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मुंबई में सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं निर्देशक रंजन सिंह

लुट गए रंजन सिंह नौटंकी वाले नाटक का लेखन और निर्देशन के बाद तब पटना में इन्हें रंजन सिंह नौटंकी वाले के नाम से पुकारा जाने लगा था। हलाकि तब इनका प्रचलित नाम रंजन सिंह राजन भी हुआ करता था।

मुकेश महान। निर्देशक रंजन सिंह पटना जैसे शहर से मुंबई आकर फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में कामयाबी की एक नई इबारत लिख रहे हैं। निर्देशन के क्षेत्र में उनका सफर लाजवाब माना जा रहा है। कई प्रोडक्शन हाउस में अपना हुनर दिखाने के बाद अब वह एकता कपूर की टीम में शामिल हैं। एकता कपूर के प्रिय निर्देशकों में से एक है, जिन पर एकता कपूर भरपूर विश्वास करती है। एकता कपूर जैसे प्रोफेशनल निर्माता के लिए किसी भी निर्देशक पर यूं और इतना अधिक विश्वास और भरोसा करना आसान नहीं था, लेकिन रंजन सिंह अपनी काबिलियत, योग्यता,मिहनत और अनुभव से एकता का भरोसा जीतने में सफल रहे।

निर्देशक रंजन सिंह खुद को शिक्षक कहलाना पसंद करते हैं। नए कलाकारों को लेकर काम करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं और इनकी पूरी कोशिश होती है कि नए कलाकारों को बेहतर तरीके से मांज करके उनके अंदर के कलाकार को पूरी तरह से उभार दें। बूगल बॉलीवुड बैलिस्टिक अवार्ड्स 2023 कार्यक्रम के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने खुद कहा कि मुझे कलाकारों को संवारना काफी अच्छा लगता है, मैं आज भी एक शिक्षक की भूमिका में ही रहता हूं। संजय खा के प्रोडक्शन हाउस में उन्होंने महाभारत ,रावणऔर जय हनुमान बना कर काफी लोकप्रियता हासिल की थी। बाद में वह बालाजी टेलिफिल्म्स के साथ जुड़ गए और देखतेदेखते एकता कपूर की टीम में अपने लिए एक खास जगह बना ली। नागिन जैसी धारावाहिकों के 6-6 सीरीज का निर्देशन करके भी इन्होंने दर्शकों का अच्छा खासा मनोरंजन किया।

इनकी सबसे बड़ी खासियत इनकी कल्पनाशीलता है। कल्पनाशीलता के साथसाथ फिल्म तकनीक के तमाम आयामों पर भी इनकी गहरी पकड़ है। यह अपने आप में एक पूरी फिल्म संस्थान हैं। कलाकारों के साथ मेहनत करते रहना इन्हें बेहद पसंद है। बूगल बॉलीवुड बैलिस्टिक 2023 पुरस्कार के दौरान भी यह देखने को मिला कि अपनी तारीफ करने या सुनने के बजाय वह नए कलाकारों के बारे में बातें करना ज्यादा पसंद कर रहे थे।

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90 के दशक में रंजन सिंह पटना रंगमंच पर काफी सक्रिय थे और इन्होंने अपनी नाट्य संस्था रंगसेतु भी बनाई थी। तब इन्होंने इस संस्था से कई नाटकों का लेखन और निर्देशन कर अपनी खास पहचान बनाई थी। पटना के कालिदास रंगालय में अपने कम उम्र में ही स्वलिखित नाटकों का जब रंजन सिंह मंचन करते थे तो तब के कुछ दिग्गज कलाकार इनका मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि लेखक निर्देशक बनना इतना आसान नहीं होता। लेकिन जल्द ही इन्होंने पटना रंगमंच पर खुद को प्रस्थापित कर लिय़ा था।

पटना रंगमंच इनका तभी छूटा जब इनका नामांकन एनएसडी दिल्ली में हो गया था। एनएसडी से कोर्स पूरा करने के बाद इन्होंने मुंबई का रूख किया। साथ ही मुंबई में अभिनय में संघर्ष करने के बजाए इन्होंअने पने प्रिय क्षेत्र निर्देशन में हाथ आजमाया। और फिर कभी इन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। बेस्ट निर्देशन के कई सम्मान से ये सम्मानित हो चुके हैं। फिरंगी दुल्हनिया सहित कुछ फीचर फिल्मों का सफलता पूर्वक निर्देशन भी इन्होंने किया है।

अब उनकी इच्छा बिहार के प्रसिद्ध लोक चरित्र महेंद्र मिश्र के जीवन पर एक बायोपिक बनाने की है। इसके लिए वो जी तोड़ कोशिश भी कर रहे हैं। वो कहते है नाटकों के दरम्यान ही इस चरित्र ने मुझे प्रभावित किया था, तभी मेर मन में इस पर काम करने की इच्छा थी। लेकिन व्यस्तता की वजह से इस पर मैं काम शुरु नहीं कर पाया हूं। लेकिन अब जल्द ही इस वायोपिक पर मैं काम शुरु करूंगा।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.