प्रिया मल्लिक को मिला महादेवी वर्मा सम्मान
पटना,संवाददाता। टीवी सिंगिंग रियलिटी शो ‘ओम शांति ओम’ से लोकप्रियता हासिल करने वाली प्रिया मल्लिक को हाल ही में पटना में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस द्वारा महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रिया मल्लिक मुंबई में रहती हैं और फिल्मों में पार्श्व गायन तथा देश दुनिया के मंचों पर अपने दमदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है। लगातार बिहारी लोक गीतों को नए संगीत तथा नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने के कारण उन्होंने सोशल मीडिया तथा विश्व के जाने-माने ऑडियो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लाखों की संख्या फॉलोअर्स बनाए हैं।
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संगीत की दुनिया के जाने-माने संगीतकारों तथा गायकों के साथ प्रिया के गाने लगभग सभी प्लेटफार्म पर सुनने के लिए उपलब्ध है। देश के प्रतिष्ठित म्यूजिक कंपनियों द्वारा उनके कुछ रिलीज गाने हैं- ‘आज अयोध्या में उत्सव निराला’ (सह गायक- भजन सम्राट अनूप जलोटा), ‘ए पहुना यही मिथिले में रहू ना’, ‘श्री गणेश आरती’, ‘आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया’, ‘जय हो खाटू श्याम की’, ‘अरजी अरजी भोला’, ‘बी स्ट्रांग'(सह गायक- जसबीर जस्सी), ‘राधा कृष्ण कीर्तन’, ‘श्री दुर्गा कवच’। पॉप हो चाहे जैज़ हो चाहे ईडीएम या फिर भारतीय शास्त्रीय संगीत। संगीत के विद्यार्थी के रूप में प्रिया मल्लिक ने गायन की हर विधा पर अपनी पकड़ बनाई है।
प्रिया बताती हैं कि संगीत की विधिवत शिक्षा उन्होंने जयपुर घराने से प्राप्त की है। अपने व्यक्तित्व में संस्कार भी और स्वैग भी की मान्यता के साथ भारतीय लोक संगीत एवं सुगम संगीत दोनों को युवा पीढ़ी में एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने के कारण देश की जानी-मानी संस्थाओं ने प्रिया को सम्मानित किया है। प्रिया को सरस्वती बाई दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सिंगिंग शो इंडियन आइडियल, सारेगामापा सहित कई सिंगिंग रियालटी शो में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा चुकी हैं।
मूल रूप से बिहार के सुपौल की रहने वाली प्रिया हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी गुजराती, मैथिली, भोजपुरी, पंजाबी सहित कई भाषाओं में प्रिया ने अपनी आवाज़ दी है। प्रिया कहती हैं कि संसाधन के अभाव में पिता के साथ मुझे पटना आना पड़ा। इसी दौरान संगीतज्ञ विजय सिंह के सानिध्य में आने का अवसर मिला और उनसे मैंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी, जो आज भी जारी है। प्रिया ने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से छह वर्षीय कोर्स पूरा किया है।
प्रिया ने बताया कि भले ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत में शिक्षा ली है लेकिन वह हर जॉनर के गाने गाती हैं। वो कहती हैं कि एक सिंगर के रूप में मेरे लिए लैंग्वेज कोई बैरियर नहीं रहा। मैं तो बस हर लैंग्वेज और हर जॉनर में गाना चाहती हूँ। मुझे लगता है कि एक गायक कलाकार के लिए भाषा कोई बंधन नहीं होता। मुझे गजल सुनना बहुत पसंद है।…और अंत में प्रिया ने बताती हैं कि वह आज जो कुछ भी हैं अपने मां और पिता की वजह से है। मां समता मल्लिक ने मेरे लिये अथक परिश्रम किया है। उन्होंने अपना ब्यूटी पार्लर व्यवसाय को छोड़ मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया हैं।