सिवान (बिहार) के मनोज भावुक 1998 से लिख रहे हैं भोजपुरी सिनेमा का इतिहास। लेखन के साथ अभिनय भी करते रहे हैं।पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं है।
लखनऊ,अमरनाथ। भोजपुरी साहित्य के लिए मनोज भावुक को मिला पहला फिल्मफेयरअवॉर्ड। फिल्मफेयर एवं फेमिना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘ भोजपुरी आइकॉन्स- रील एंड रीयल स्टार्स ‘ समारोह में भोजपुरी के जाने-माने लेखक, फिल्म समीक्षक और भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक को भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के इतिहास पर किये गए उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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खास बात है कि फिल्मफेयर और फेमिना दो प्रतिष्ठित ब्रांड पहली बार भोजपुरी आइकॉन का सम्मान करने और जश्न मनाने के लिए एकजुट हुए। मौके पर पद्मभूषण शारदा सिन्हा को लोक संगीत के लिए, संजय मिश्रा को प्राइड ऑफ भोजपुरी मिट्टी, मनोज तिवारी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और रवि किशन को ओटीटी और सिनेमा के लिए सम्मानित किया गया।
मनोज भावुक को भोजपुरी साहित्य व सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान फेमिना की प्रधान संपादक अंबिका मट्टू व दक्षिण के निर्देशक विक्रम वासुदेव द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
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कहते हैं मनोज भावुक
सिवान निवासी मनोज भावुक कहते हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री फ़िल्म फेयर और फेमिना तक पहुँच गई। यही आपने आप में बड़ी उपलब्धि है। फिल्मफेयर एवं फेमिना द्वारा सम्मान मिलना बड़ी बात है। इस सम्मान के लिए फिल्मफेयर एवं फेमिना के प्रति शुक्रगुजार हूँ और यह सम्मान भोजपुरी भाषा व भोजपुरी भाषियों को समर्पित है।