Gurupurnima Festival 2021 : पटना, जितेन्द्र कुमार सिन्हा। संकट के समय पैसे का सहायता मिले सके, इसके लिए सभी लोग बैंक में पैसे रखते हैं। उसी प्रकार संकट में काम आये इसके लिए साधना का कोष संग्रहित होना आवश्यक है। भगवान श्रीकृष्ण ने भक्तों को वचन दिया है-
इसलिए साधना को बढाकर भगवान का भक्त बनना आवश्यक है। पहले बताते थे कि आनंद प्राप्ति हेतु साधना करे, परंतु आने वाला आपातकाल इतना भयानक होगा कि अब बताना पड़ रहा है कि जीवित रहने के लिए साधना करें। उक्त बातें हिंदू जनजागृति समिति के पूजनीय निलेश सिंगबालजी ने सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ में कही।
इस बार 11 भाषाओं में ‘ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ (Gurupurnima Festival 2021) संपन्न हुआ। इसका प्रारंभ श्री व्यासपूजन और श्री गुरुपूजन से किया गया। इस समय सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु (डॉ.) जयंत आठवलेजी ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर दिए गए संदेश को पढ़ा और मार्गदर्शन का संग्रहित लघु चलचित्र (वीडियो) तथा ‘आपातकाल की दृष्टि से की जानेवाली सिद्धता’ विषयक लघु चलचित्र (वीडियो) भी दिखाया गया।
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उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भारत सहित संपूर्ण पृथ्वी पर संकट छाया है। पूरे वर्ष में बाढ़, दंगे, महामारी, आर्थिक मंदी इत्यादि संकटों का परिणाम देश को भोगना पड रहा है वर्ष 2020 से 2023 का काल भारत ही नहीं, अपितु अखिल विश्व के लिए आपदाओं का काल रहेगा। इस काल में आर्थिक मंदी, गृहयुद्ध, सीमा पर युद्ध, तीसरा विश्वयुद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का सामना जनसामान्य को करना पड़ सकता है। ऐसे आपातकाल में जीवित रहना और सुसह्य जीवन जीना एक चुनौती होगी ।
आपातकाल की दृष्टि से स्वरक्षा, प्राथमिक उपचार, अग्निशमन प्रशिक्षण, तैराकी, वाहन चलाना इत्यादि विद्याएं सीखने को प्राथमिकता देनी होगी । ख़ास बात ये है कि सनातन संस्था के ग्रंथ ‘ई-बुक’ के रूप में ‘अमेजॉन किंडल’ पर भी उपलब्ध है। हिन्दी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषाओं सहित अन्य 8 ग्रंथों का प्रकाशन भी इस महोत्सव में किया गया ।