पटना। बिहार में राजनीतिक दलों ने चुनावी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सोमवार को प्रदेश के सत्तारूढ़ दल जनता दल यू ने पहली वर्चुअल रैली की। यह रैली योजनाओं को समर्पित रही, लेकिन हर योजना की बात करते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू-राबड़ी राज से उसकी तुलना किसी न किसी रूप में जरूर की। नीतीश ने 2 घंटा 56 मिनट भाषण दिया। इस दौरान केवल एक बार लालू यादव का नाम लिया। नीतीश ने कहा कि चंद्रिका प्रसाद यादव का स्वागत है। ऐश्वर्या राय के साथ क्या हुआ? लोग शिक्षा की बात करते हैं। नाम लिए बिना नीतीश ने कहा कि लालू परिवार में एक पढ़ी-लिखी लड़की के साथ क्या हुआ। ऐश्वर्या दारोगा बाबू (पूर्व मुख्यमंत्री) की पौत्री हैं। दारोगा राय ने कितनी मदद की था। उनकी पौत्री के साथ क्या हुआ। परिवारवाद ही उनके लिए सब कुछ है। जिन्होंने आपकी मदद की आपने उनके साथ क्या किया? ये सब लोग आए मैं इनकी इज्जत करूंगा। नीतीश ने कहा कि लालू जी कहते हैं कि हम लोग बिहार पर भार हैं। आप जेल में हैं तो लोगों को पता चल ही रहा है न कौन भार हैं। जब आपको काम करने का मौका मिला तब आप लोगों क्यों नहीं किया? जब तक मौका मिलेगा सेवा करेंगे। जिसको जो बोलना है बोलते हैं। आप अंदर हैं तो लोगों को मुक्ति मिली हुई है। चुनाव में जनता मालिक है और जनता जिसे चाहेगी काम की जिम्मेदारी देगी। कुछ लोगों को लड़ाने में दिलचस्पी है। निश्चय संवाद में अपनी उपलब्धियों को गिनाया जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने ‘निश्चय संवाद’ में बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, बाढ़ से लेकर पर्यटन तक की योजनाओं पर विस्तार से बात की और बीच-बीच में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के समय की हालत पर अपने अंदाज में टिप्पणी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया खास बात यह भी रही कि कोरोना से लड़ाई के बहाने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कई बार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का जिक्र किया, लेकिन नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया। उन्होंने शुरुआती 21 मिनट में केंद्र सरकार का कई बार जिक्र किया और उसके बाद बिहार सरकार की योजनाओं पर खुद को केंद्रित कर लिया। सोमवार सुबह 11:30 से रैली होनी थी, लेकिन इसके पहले ही लाइव मंच पर लोकसभा में जदयू के नेता ललन सिंह और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने लालू-राबड़ी राज पर हमलावर रुख दिखा दिया। ऐसा लग रहा था कि यह रैली राजनीतिक बयानबाजी पर ही केंद्रित रह जाएगी, लेकिन नीतीश ने जेडीयूलाइव.कॉम के लिए मंत्री संजय झा और अशोक चौधरी की टीम की मेहनत पर उन्हें बधाई देने के बाद बिहार और केंद्र सरकार की कोरोना से लड़ाई का जिक्र करते हुए योजनाओं की तरफ खुद को मोड़ लिया। नीतीश ने औपचारिक रूप से चुनाव का जिक्र भी किया तो कोरोना से बचने का आह्वान करते हुए। उन्होंने यहीं से लालू-राबड़ी राज पर भी हमला शुरू किया और बिना नाम लिए ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधना शुरू किया। नीतीश ने कहा कि लोग को तो जानना नहीं, कुछ-कुछ बोलना है, इसलिए एक-एक बात हम बता देते हैं कि कैसे कोरोना से लड़ाई की शुरुआत बिहार ने देशव्यापी लॉकडाउन से की।
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