लखनऊ/कोलकाता/ एजेंसी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैसे लेकर अल्पसंख्यक वोट बांटने के आरोप पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा है कि ममता बनर्जी का पाला अभी तक अच्छे मुसलमानों से नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो दौलत के बल पर ओवैसी को खरीद सके। ममता बनर्जी के आरोप पर ओवैसी ने कहा, ‘अब तक उनका साबका मीर जाफर जैसे लोगों से पड़ा है। अच्छे मुसलमानों से उनका साबका ही नहीं पड़ा, अब पड़ेगा। अभी दुनिया में कोई ऐसा नहीं है, जो दौलत के बल पर ओवैसी को खरीद सके। उनका यह इल्जाम बुनियाद है। वह बौखलाहट का शिकार हैं।’ जलपाईगुड़ी में आयोजित जनसभा संबोधित करते हुए ममता ने बिना नाम लिए निशाना साधा। ममता ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों के वोटों को विभाजित करने के लिए उन्होंने (बीजेपी) हैदराबाद की एक पार्टी (AIMIM) को पकड़ा है। बीजेपी उन्हें पैसे देती है और वे वोटों को बांटने का काम करते हैं। बिहार चुनाव में भी यह देखा गया है।’ बता दें कि बिहार चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद ओवैसी ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और यूपी विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। यूपी में ओवैसी छोटे दलों के साथ गठबंधन की योजना बना रहे हैं और इसी सिलसिले में AIMIM प्रमुख ने लखनऊ के एक होटल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की, जो कभी बीजेपी की सहयोगी रह चुके हैं। ओवैसी ने बताया, ‘हम यूपी में नाम बदलने नहीं, बल्कि दिल जीतने आए हैं। बीएसपी से उनका समझौता बिहार चुनाव में था। यूपी में क्या होता है, यह अभी आगे की बात है।’ बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों से उत्साहित ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी राजभर के नेतृत्व में भागीदारी संकल्प मोर्चे का हिस्सा बनकर लड़ेगी। बिहार में पार्टी को मिली जीत में उन्होंने राजभर की पार्टी के योगदान के बारे में बताया।
मायावती के मोर्चे का हिस्सा बनने पर पूछे गए प्रश्न पर ओवैसी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा।’ राजभर से पूछा गया कि क्या बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वह ओवैसी के साथ आ रहे हैं तो इस पर उन्होंने कहा, ‘हमने मोर्चा चुनाव जीतने के लिए बनाया है और हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे।’
हैदराबाद नगर निकाय के चुनाव में योगी के दौरे को लेकर ओवैसी ने कहा कि यूपी के सीएम ने वहां जिस वॉर्ड में सभा की थी, वह तीनों वॉर्ड बीजेपी हार गई। अमित शाह ने जहां सभा की, वहां भी बीजेपी हार गई।