जंदाहा, वैशाली/ संवाददाता। जैसा कि कयास लगाया जा रहा था कि जनता दल यू में बड़ा उलटफेर होगा वैसा ही हुआ 10 जनवरी को .
1 मार्च 1973 को कजरी निवासी वासुदेव सिंह शिक्षक के घर जन्मे उमेश सिंह कुशवाहा ने 1988 में शिव दुलार सिंह उच्च विद्यालय चकफतेह से मैट्रिक की परीक्षा पास की। मैट्रिक करने के बाद एएनडी कॉलेज शाहपुर पटोरी से 1990 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक किया। वर्ष 1998 में जावज निवासी राजेंद्र सिंह की पुत्री रेणु के साथ इनका विवाह हुआ। इन्हें तीन पुत्रियां आयुषी, कृति एवं रिया है। आयुषी अभी सासाराम के मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत हैं। श्री कुशवाहा छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि ऱखते रहे हैं। इनकी राजनीति की शुरुआत वर्ष 2001 से हुई। सर्वप्रथम यह जिला परिषद चुने गए। उसके बाद 2005 में राजद के टिकट पर जंदाहा विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन इसमें उन्हें जीत नहीं मिली। फिर भी वे निराश नहीं हुए राजनीति से जुड़े रहे। फिर से वर्ष 2010 में किसी पार्टी से टिकट ना मिलने पर भी इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और द्वितीय स्थान पर रहे। बाद में वर्ष 2015 में जनता दलयू के टिकट पर महनार विधानसभा से चुनाव लड़े और विजयी हुए। विधायक रहते हुए पुनः जदयू के टिकट पर 2020 में महनार विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन राजद प्रत्याशी से हार गए।
लेकिन पार्टी में उमेश सिंह कुशवाहा का कद लगातार बढ़ता ही रहा। पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बनते ही उलट फेर की अटकलों के साथ यह अटकलें भी तेज हो गई थी कि उमेश सिंह कुशवाहा को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। और ये ही हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने के साथ ही उमेश सिंह कुशवाहा के रुप में नया प्रदेश अध्यक्ष भी पार्टी को मिल गया। अब महनार और शाहपुर पटोरी, जहां से कालेज की शिक्षा हुई, के लोग इनसे विकास की हम्मीद लगाए बैठे हैं। गौरतलब है कि राजनैतिक रुप से यह इलाका वर्षों से उपेक्षित रहा है। अब इसके उद्धार की उम्मीद यहां की जनता में जगने लगी है।