10 दिसंबर को नड्डा के काफिले पर उस वक्त हमला हुआ था, जब वे कोलकाता से 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर जा रहे थे। इसमें विजयवर्गीय भी घायल हो गए थे। डायमंड हार्बर ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय इलाका है। प्रदर्शनकारियों ने नड्डा के काफिले का रास्ता रोकने की कोशिश की थी।
11 दिसंबर को जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आग से मत खेलो, यह बहस छोड़नी होगी कि कौन भीतरी और कौन बाहरी है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री को संविधान मानना चाहिए। वे अपनी जिम्मेदारियों से नहीं हट सकतीं। राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है।
12 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने राज्य में तैनात तीन IPS अफसरों को डेपुटेशन पर वापस बुला लिया। बताया जाता है कि नड्डा की सुरक्षा के जिम्मेदारी इन्हीं अफसरों पर थी। इसी बीच, गृह मंत्रालय ने 14 दिसंबर को बंगाल सरकार के दो बड़े अधिकारियों को तलब किया था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने गृह सचिव अजय भल्ला को खत लिखकर इस कदम को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल के अफसर दिल्ली नहीं पहुंचे।